रविवार, 7 अप्रैल 2013

'भूतों को चाहिए सात्विक पुलिस', 6 महीने से थाना बंद



जबलपुर।। मध्य प्रदेश के खूंखार चंबल बेल्ट के पंडोला थाना क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। पंडोला थाने में पिछले छह महीने से ताला लटका है। बताया जाता है कि यहां पुलिसवालों को बीहड़ के डाकुओं से नहीं बल्कि भूतों से डर लगता है।
police-ghost
जबलपुर के पंडोला ग्रामसभा के शेवपुर गांव के पूर्व सरपंच गोकुल सुमन के मुताबिक, इस थाने में पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग के लिए सबसे बड़ी योग्यता उनकी सात्विक प्रवृत्ति है। उन्होंने गंभीरता के साथ कहा कि अगर पुलिसवाले साफ सुथरी प्रवृत्ति के नहीं हैं तो इस थाने की 'भूतिया' बिल्डिंग में एक दिन भी नहीं बिता सकते हैं।

सुमन ने पिछले कुछ सालों में कई पुलिसवालों को इस बिल्डिंग में आने के बाद वापस जाते हुए देखा है। पूर्व सरपंच का कहना है कि पिछली घटना छह महीने पहले की है, जब भूतों की वजह से इस आदिवासी बहुल इलाके के थाने से पुलिसवालों को जाना पड़ा था और तभी से थाने की बिल्डिंग में ताला लगा है। शेवपुर नगरपालिका के पूर्व चेयरपर्सन दौलत राम गुप्ता की शिकायत है कि खूंखार चंबल इलाके में रात के वक्त पुलिस की गश्त न होने की वजह से आम आदमी की सुरक्षा खतरे में है।
थाने की तीन कमरे की बिल्डिंग भी ज्यादा पुरानी नहीं है। पिछले एक साल तक इस थाने में एक सब-इंस्पेक्टर, एक हेड कॉन्स्टेबल और चार कॉन्स्टेबल की पोस्टिंग थी, लेकिन अब थाना बंद होने की वजह से आम लोग परेशान हैं। सरपंच विलासी देवी और उनके पति मनोहर सिंह पिछली घटनाओं को याद करते हुए बताते हैं कि पिछली बार ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल पर किस तरह हमला हुआ था। हालांकि वह किसी तरह जान बचाकर भागने में कामयाब रहा था। पूर्व सरपंच गोकुल सुमन भी इस घटना की पुष्टि करते हैं। उन्हें तो आज तक उस कॉन्स्टेबल का नाम भी याद है, सुरेश सिकरवार।

मनोहर ने हमारे सहयोगी न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पुलिसकर्मी किसी अप्रिय घटना की जानकारी के बाद थाने आते हैं, लेकिन वे बिल्डिंग के अंदर दाखिल होने के बजाय कैंपस में ही कागजी कार्रवाई करते हैं। मामला सामने आने के बाद शेवपुर के विधायक बृजेश सिंह ने इस रहस्य की जांच के साथ-साथ चौबीसों घंटे पुलिस बल की मौजूदगी की मांग की। उन्होंने कहा कि अंधविश्वासों पर ध्यान देने के बजाय सीनियर अफसरों को वहां कैंप कर मामले की पड़ताल करनी चाहिए। इसके बाद भी दिक्कतों का निपटारा न होने पर सिंह ने थाने को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की।

शेवपुर के एसपी महेंद्र सिंह सिकारवार ने इन डरावनी कहानियों को हकीकत से कोसों दूर बताया। उन्होंने कहा कि फोर्स की कमी की वजह से थाने में किसी शख्स की मौजूदगी नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि थाने की बिल्डिंग बंद है, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी तक यह उन्हें नहीं दी गई।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें