मुशर्रफ को 14 दिन के लिए जेल भेजा
इस्लामाबाद। इस्लामाबाद की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने शनिवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने वर्ष 2007 में आपात स्थिति के दौरान न्यायाधीशों को नजरबंद किए जाने के मामले में यह आदेश दिया।
यह आदेश न्यायाधीश अब्बास जैदी ने जारी किया। आदेश के मुताबिक मुशर्रफ के लिए अदालत में चार मई को फिर हाजिर होना अनिवार्य है। मामले की सुनवाई समाप्त होने के बाद मुशर्रफ कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत से निकले। वहां से उन्हें पुलिस लाइन मुख्यालय ले जाया गया।
पुलिस ने न्यायाधीश जैदी से सुनवाई के दौरान पूर्व राष्ट्रपति को न्यायिक हिरासत में भेजने की फरियाद की, वहीं याचिकाकर्ता के वकील अशरफ गुज्जर ने अदालत से सेवानिवृत्त सेना प्रमुख के लिए "फिजिकल रिमांड" की मांग की थी। गुज्जर ने मुशर्रफ को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाए जाने पर भी आपत्ति जताई।
पूर्व राष्ट्रपति को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें इस्लामाबाद के नजदीक चक शहजाद स्थित उनके फार्महाउस से पुलिस लाइन मुख्यालय स्थानांतरित किया गया। एक स्थानीय अदालत ने मुशर्रफ की दो दिन की पारवहन (ट्रांजिट) हिरासत मंजूर करते हुए उन्हें पुलिस को सौंपा था और निर्देश दिया था कि उन्हें 21 अप्रेल को या उससे पहले सक्षम क्षेत्राधिकार या आतंकवाद-रोधी अदालत में पेश किया जाए।
वेबसाइट के मुताबिक, जनरल मुशर्रफ गिरफ्तार होने वाले देश के पहले पूर्व सेना प्रमुख या पूर्व राज्याध्यक्ष हैं। उन्हें "ऑफिसर्स मेस" में रखा गया हैं और पुलिस महानिरीक्षक का कमरा दिया गया है। वकील चौधरी मोहम्मद असलम घुम्मन ने अगस्त 2009 में मुशर्रफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने नवंबर 2007 में आपात स्थिति के दौरान मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी सहित 60 न्यायधीशों को नजरबंद करने के आदेश देने वाले मुशर्रफ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की पुलिस से गुहार लगाई थी।
पाकिस्तान की अदालतों में मुशर्रफ के खिलाफ इस तरह के तीन मामले चल रहे हैं, जिनमें से एक न्यायधीशों की नजरबंदी का मामला भी है। उन पर वर्ष 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टी की हत्या तथा वर्ष 2006 में बलूच नेता अकबर खान बुगती की हत्या के षड्यंत्र में संलिप्त रहने का भी आरोप है। मुशर्रफ 11 मई को होने वाले आम चुनाव में एक प्रत्याशी के रूप में भाग लेने के लिए लगभग चार वर्षो के आत्मनिर्वासन के बाद पिछले महीने पाकिस्तान लौटे हैं।
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