राजनीति में उलझे 139 विद्यालय!
बाड़मेर। राज्य सरकार ने बजट में स्वीकृत बाड़मेर जिले के 51 नए प्राथमिक विद्यालयों व प्राथमिक से उच्च प्राथमिक के रूप में 88 विद्यालयो की क्रमोन्नति पर रोक लगा दी है। सर्व शिक्षा अभियान के जीपीएस सर्वे के आधार पर स्वीकृत व क्रमोन्नत इन विद्यालयों के मामले में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने उच्च स्तर पर आपत्ति जताई, जिससे स्वीकृत व क्रमोन्नत विद्यालय लटक गए।
सर्व शिक्षा अभियान के जी पी एस सर्वे के आधार पर हालिया बजट में राज्य भर में 801 प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने के आदेश एक अप्रेल को जारी हुए। इसी तरह 479 नए विद्यालय स्वीकृत किए गए। भौगोलिक स्थिति व छात्र संख्या की उपलब्धता के आधार पर जिले में 52 नए विद्यालय स्वीकृत और 94 विद्यालय क्रमोन्नत हुए। स्वीकृति व क्रमोन्नति के मात्र सत्रह दिन बाद अठारह अप्रेल को संयुक्त शासन सचिव प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) ने बाड़मेर जिले के 51 नव स्वीकृत विद्यालयों व 88 नवक्रमोन्नत विद्यालयों की स्वीकृति व क्रमोन्नति पर रोक लगा दी।
ऊपर से स्थगन आदेश आया
विद्यालय स्वीकृत व क्रमोन्नत करने का आदेश ऊपर से मिला था। स्थगन आदेश भी ऊपर से आया। हमें पालना करनी है। जनप्रतिनिधि अपने हिसाब से विद्यालयों की सूची देते रहते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है।
पृथ्वीराज दवे, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि) बाड़मेर
ऎसे हुई राजनीति
बाड़मेर जिले में जो विद्यालय स्वीकृत व क्रमोन्नत हुए, वे पंस बाड़मेर, सिणधरी, धोरीमन्ना व सिवाना में आते हैं। सिवाना क्षेत्र में स्वीकृत एक नए विद्यालय व छह क्रमोन्नत विद्यालयों पर रोक नहीं लगाई गई। सिणधरी व धोरीमन्ना क्षेत्र के विद्यालय विधानसभा क्षेत्र गुड़ामालानी में आते हैं। पंस बाड़मेर के विद्यालय विधानसभा क्षेत्र बाड़मेर व शिव में आते हैं।
गुड़ामालानी, बाड़मेर व शिव में सत्ताधारी कांग्रेस व सिवाना से भाजपा के विधायक हैं। सत्ताधारी पार्टी के विधायकों ने सर्व शिक्षा अभियान के सर्वे के आधार पर स्वीकृत व क्रमोन्नत विद्यालयों को लेकर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के समक्ष आपत्ति जताई, जिसके चलते सरकार को अपना ही निर्णय स्थगित करना पड़ा। अब इन विधायकों ने अपनी ओर से विद्यालयों की स्वीकृति व क्रमोन्नति संबंधी सूची दी है, जिस पर काम चल रहा है।
बाड़मेर। राज्य सरकार ने बजट में स्वीकृत बाड़मेर जिले के 51 नए प्राथमिक विद्यालयों व प्राथमिक से उच्च प्राथमिक के रूप में 88 विद्यालयो की क्रमोन्नति पर रोक लगा दी है। सर्व शिक्षा अभियान के जीपीएस सर्वे के आधार पर स्वीकृत व क्रमोन्नत इन विद्यालयों के मामले में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने उच्च स्तर पर आपत्ति जताई, जिससे स्वीकृत व क्रमोन्नत विद्यालय लटक गए।
सर्व शिक्षा अभियान के जी पी एस सर्वे के आधार पर हालिया बजट में राज्य भर में 801 प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने के आदेश एक अप्रेल को जारी हुए। इसी तरह 479 नए विद्यालय स्वीकृत किए गए। भौगोलिक स्थिति व छात्र संख्या की उपलब्धता के आधार पर जिले में 52 नए विद्यालय स्वीकृत और 94 विद्यालय क्रमोन्नत हुए। स्वीकृति व क्रमोन्नति के मात्र सत्रह दिन बाद अठारह अप्रेल को संयुक्त शासन सचिव प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) ने बाड़मेर जिले के 51 नव स्वीकृत विद्यालयों व 88 नवक्रमोन्नत विद्यालयों की स्वीकृति व क्रमोन्नति पर रोक लगा दी।
ऊपर से स्थगन आदेश आया
विद्यालय स्वीकृत व क्रमोन्नत करने का आदेश ऊपर से मिला था। स्थगन आदेश भी ऊपर से आया। हमें पालना करनी है। जनप्रतिनिधि अपने हिसाब से विद्यालयों की सूची देते रहते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है।
पृथ्वीराज दवे, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि) बाड़मेर
ऎसे हुई राजनीति
बाड़मेर जिले में जो विद्यालय स्वीकृत व क्रमोन्नत हुए, वे पंस बाड़मेर, सिणधरी, धोरीमन्ना व सिवाना में आते हैं। सिवाना क्षेत्र में स्वीकृत एक नए विद्यालय व छह क्रमोन्नत विद्यालयों पर रोक नहीं लगाई गई। सिणधरी व धोरीमन्ना क्षेत्र के विद्यालय विधानसभा क्षेत्र गुड़ामालानी में आते हैं। पंस बाड़मेर के विद्यालय विधानसभा क्षेत्र बाड़मेर व शिव में आते हैं।
गुड़ामालानी, बाड़मेर व शिव में सत्ताधारी कांग्रेस व सिवाना से भाजपा के विधायक हैं। सत्ताधारी पार्टी के विधायकों ने सर्व शिक्षा अभियान के सर्वे के आधार पर स्वीकृत व क्रमोन्नत विद्यालयों को लेकर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के समक्ष आपत्ति जताई, जिसके चलते सरकार को अपना ही निर्णय स्थगित करना पड़ा। अब इन विधायकों ने अपनी ओर से विद्यालयों की स्वीकृति व क्रमोन्नति संबंधी सूची दी है, जिस पर काम चल रहा है।
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