रविवार, 3 मार्च 2013

मोदी ने पीएम को बताया 'नाइटवॉचमैन', तो कांग्रेस ने उन्हें 'सांप-बिच्छू' करार दिया

नई दिल्ली. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय परिषद के दूसरे और अंतिम दिन अपने भाषण के दौरान पीएम पद की उम्मीदवारी के मुद्दे को हवा में उड़ाते हुए कहा कि बीजेपी में व्यक्ति मुद्दा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर कमल को आगे ले जाना है। इस मौके पर मोदी ने कहा, 'गुजरात की जीत किसी व्यक्ति की जीत नहीं है। गुजरात की विजय बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन की जीत है। निमित्त रूप मेरा जो मेरा सम्मान, स्वागत हुआ, इस सबके अधिकारी देश के लाखों कार्यकर्ता, गुजरात की जनता और हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व है। मैं पूरा सम्मान इनके चरणों में अर्पित करता हूं।' कांग्रेसी प्रवक्ता राशिद अल्वी का कहना है कि यह बैठक बीजेपी का अंदरूनी मामला है और यह अच्छी बात है कि वे कांग्रेसी नेताओं लाल बहादुर शास्त्री और प्रणब मुखर्जी के बारे में बात कर अपने कार्यकर्ताओं से जोश भर रहे हैं। वहीं, कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने बीजेपी को मुसलमानों को मारने वाली पार्टी तक कह डाला। अय्यर ने मोदी को सांप बिच्छू करार दिया।
मोदी ने पीएम को बताया 'नाइटवॉचमैन', तो कांग्रेस ने उन्हें 'सांप-बिच्छू' करार दिया

मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा, 'दिल्ली की सरकार बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए चुनौती है। गरीबों के घरों में चूल्हा नहीं जल रहा है। लेकिन दिल्ली में सरकार है या नहीं इसका पता ही नहीं चल रहा है। हमें सभी चीजों की ओर देखने की जरूरत है। कांग्रेस के चरित्र में देश को आगे बढ़ाने का जज्बा नहीं है। आजादी के तीन दशक बाद तक पंचायत से संसद तक कांग्रेस का झंडा था। कोरिया, इजराइल, चीन जैसे देश आगे बढ़ते चले गए। इनके इरादे ही देश को बढ़ाने के नहीं थे। एक परिवार के लिए सबको बलि चढ़ाना कांग्रेस की परंपरा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष की पसंद देखिए। सीताराम केसरी के अध्यक्ष होते हुए लगता था कि किसी नाइट वाचमैन को बैठा दिया गया है। बाद में सीताराम केसरी को दफ्तर से उठा कर फेंक दिया और पार्टी का कब्जा कर लिया। किसी राजनीतिक पार्टी में ऐसा लोकतंत्र देखने को नहीं मिलेगा। इसके बाद सरकार बनाने के लिए ऐसा प्रधानमंत्री चुना कि उस परिवार के लिए जो चाहे वो कर सके। एक और नाइट वाचमैन बैठा दिया। ये सोचा नहीं था कि रात इतनी लंबी होगी, अंधेरा इतना घना होगा। इसी काम के लिए कि परिवार नजर न आए और पीएम कुछ कर न पाए, इसके लिए फाइव स्टार एक्टिविस्ट से एनएसी बना दिया। इससे सरकार चलाई जा रही है। परिवार को जिन से खतरा होता है, उनका राजनीतिक भविष्य खत्म कर देते हैं।'


मोदी ने आश्चर्यजनक ढंग से प्रणब मुखर्जी की तारीफ के जरिए गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, 'मुझे अपनी पार्टी के विचार पता नहीं लेकिन मनमोहन की जगह पर प्रणब मुखर्जी को पीएम बनाते तो ये हालात नहीं होते। लेकिन अगर प्रणब दा सफल हो जाएं तो परिवार का क्या होगा। प्रणब जमीन से जुड़े नेता थे। समस्याओं का हल तलाश सकते थे। ज्यादातर पीएम कांग्रेस गोत्र के पीएम हैं। बिना कांग्रेसी गोत्र के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी बने। कई योग्य नेता कांग्रेस से बाहर निकलकर पीएम पद तक पहुंचे। कांग्रेस दीमक की तरह फैल गई है और बीजेपी कार्यकर्ताओं को मेहनत से इस दीमक को खत्म करना है। एक ही दवाई काम आएगी। बीजेपी कार्यकर्ताओं के पसीने से देश को इस दीमक से छुटकारा मिलेगा।'


मोदी ने आगे कहा, 'कई बार टीवी मीडिया देखकर हमारे कार्यकर्ताओं को निराशा होती होगी कि कितनी सीटें मिलेंगी। मैं राजनीतिशास्त्र का विद्याथी हूं, और अनुभव के आधार पर कहता हूं कि देश की जनता ने कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का फैसला कर लिया है। इनके कारनामों से देश निराशा के गर्त में डूब चुका है। ऐसी जगह फेंकेगें कि 60 साल के नुकसान की भरपाई हो सके। अब देश चल पड़ा है। अटल जी की सरकार के समय लगता था कि 21 वीं सदी में भारत का रुतबा होगा। लेकिन आज के घटनाक्रमों से लगता है कि 21 वीं सदी में हिंदुस्तान का रुतबा नहीं है। लेकिन यह सिर्फ हमारा नुकसान नहीं है ये लोकतंत्र में भरोसा करने वाले दुनिया भर के लोगों का नुकसान है। ये हमारी वैश्विक जिम्मेदारी है कि हम अपने देश का रुतबा पैदा करें। आज चार ताकतों के नाम पर अमेरिका चीन या यूरोपियन यूनियन का नाम आता है लेकिन हमारे नाम पर हमारे लिए प्रश्न चिन्ह लगाया जाता है। देश ने कांग्रेस की सरकार, परिवार की सरकार, मिली जुली, बीजेपी की सरकार भी देखी है। सभी सरकारों का मूल्यांकन कर लिया जाए तो हमारी सरकार सबसे आगे रहेगी। ये हमारा ट्रैक रिकॉर्ड है। अटल जी की सरकार में परमाणु परीक्षण हुआ, कांग्रेसी कहते थे कि ये तो वैज्ञानिकों का काम है। लेकिन पहले परीक्षण के बाद हमारे देश पर दुनिया भर से आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। 11 तारीख को परमाणु परीक्षण के बाद प्रतिबंध लगे तो उन्होंने 13 तारीख को दूसरा परमाणु परीक्षण कर दिया। ये बताता है कि एक आदमी क्या कर सकता है। देश के हर नौजवान को अपने अरमान जगाने की जरूरत है। सिर्फ आशा और विश्वास से काम नहीं चलेगा। हम एक फैसिलिटेटर के रूप में ऐसी सरकार देश को दें कि सवा सौ करोड़ लोगों की ऊर्जा, सपने हमें कहीं से कहीं पहुंचा सकते हैं। आप एक कदम देश, समाज की भलाई के लिए आगे बढ़िए पूरा देश सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा।'


बीजेपी की राज्य सरकारों के बारे में मोदी ने कहा, 'बीजेपी की सभी सरकारें जन भागीदारी से चल रही हैं। बेटी बचाओ योजना केंद्र सरकार की कोशिशों से नहीं शिवराज सिंह, रमन सिंह, मनोहर जी की कोशिशों से चलती है।' मोदी ने केंद्र सरकार के आर्थिक सुधारों पर चुटकी लेते हुए कहा, 'आजकल आर्थिक सुधार का नाम चल रहा है। सरकार डिलीवरी सिस्टम ठीक करती है जो उनकी गलतियों का परिणाम है और आप इसे रिफॉर्म कहते हो। प्रशासन में सुधार करना आर्थिक सुधार नहीं होता। सरकार के पास अर्थतंत्र को सफल बनाने के लिए कोई योजना नहीं है, रुपये की ताकत गिरते हुए देख रही है, और इसे आर्थिक रिफॉर्म कहा जा रहा है। पीएसयू को ठीक करने के लिए कोई योजना नहीं है। गुजरात ने एक मॉडल और दिया। खराब प्रदर्शन कर रहे पीएसयू को कॉरपोरेट, कल्चर, प्रफेशनल, टेक्नोलॉजी की मदद से आगे बढ़ाया जाए। 2001-02 तक गुजरात इलेक्ट्रिसिटी कंपनी का हर साल का घाटा 2.5 हजार करोड़ रुपये था। आज पूरा देश ऊर्जा के संकट में है और हमने 12 साल में बिजली बिल में एक पैसा नहीं बढ़ाया। पहले शाम को खाते समय बिजली नहीं अब जितनी मर्जी उतनी बिजली है और गुजरात इलेक्ट्रिसिटी कंपनी को 700 करोड़ का फायदा हो गया है। सुधार सिर्फ लीकेज बंद करने से आया।'


मोदी के मुताबिक, 'गुजरात का अनुभव से कहता हूं देश को भ्रष्टाचार से मुक्त दिला सकते हैं। नक्सलवाद हो या आकंतवाद देश तबाही की ओर बढ़ रहा है। लेकिन देश के पॉलिटिकल पंडितों ने रमन सिंह और बीजेपी के साथ अन्याय किया है। देश के लोगो, कभी तो देखो, एक आदमी मौत को मुट्ठी में लेकर बस्तर के जंगलों में जाने की हिम्मत करता है, जहां नक्सल उफान पर है। डॉ. रमन सिंह ने आदिवासियों की उन्नति का मॉडल दिया। अगर केंद्र सरकार को पिछड़े इलाकों को नक्सलवाद की ओर जाने से रोकना है तो उनके मॉडल को अपनाना चाहिए लेकिन पॉलिटिकल पंडित भी इसे बीजेपी का मॉडल मानकर देश के सामने नहीं पहुंचा रहे हैं। कांग्रेस सरकार कमीशन की सरकार है यहां सारे रिश्तेदारों का कमीशन है। देश को कांग्रेस से मुक्ति दिलाना देशभक्ति का काम है। आजादी के दीवानों की तरह काम करना होगा। जैसे हमारे पूर्वजों ने स्वराज्य के लिए कष्ट झेले और अंग्रेजों को हटाया वैसे ही कांग्रेस को हटाओ, सुराज आएगा। समस्याओं का समाधान सुराज्य और विकास में है। बीजेपी का मकसद सामान्य आदमी की जिंदगी में बदलाव लाना है।'


गुजरात की आलोचना पर मोदी ने कहा, 'मैं गुजरात की आलोचना का स्वागत करता हूं। लेकिन लोग आलोचना ऐसे करते हैं, मोदी कहते थे विकास दर 8 फीसदी रहेगी, लेकिन 7.9 है। आज गुजरात की तुलना अमेरिका, जापान से करते हैं। ये खुशी की बात है कि विकसित सरकारों से हमारी तुलना होती है। जल्द ही थर्ड वर्ड कंट्री के लोग अपनी समस्याओं के लिए बीजेपी की सरकारों के कामों का अध्ययन करेगें। गुजरात, एमपी, बिहार कमाल कर रहे हैं, इसकी ओर नजर तो डालो ये ऐसा कैसे कर रहे हैं। पहले गंगा यमुना के प्रदेश देश का भंडार भरते थे लेकिन अब हम भर रहे हैं। आज जब हम यहां से जाएंगे, आडवाणी, राजनाथ और सभी वरिष्ठों का मार्गदर्शन लेकर जाएंगे लेकिन हमें अंदर से संकल्प करना होगा कि जनता कांग्रेस को उखाड़ फेंकने को तैयार है। हमें तय करना है कि हम क्या कर सकते हैं। भरोसा कीजिए अब कांग्रेस नहीं बच सकती है। हमें सिर्फ जनता के सामने विकल्प खड़ा करना होगा। कमल का निशान लेकर लोगों के पास जाना होगा। उम्मीदवार कोई भी हो इससे फर्क नहीं पड़ता। हमें कार्यकर्ताओं की मेहनत से जीत मिलेगी। दीन दयाल उपाध्याय का नारा याद करना होगा न रुकेंगे, थकेंगे बस चलते रहेंगे। विवेकानंद के सपनों को साकार करेंगे। मोदी ने अपनी बात इस शेर से खत्म की, माना कि अंधेरा घना है, लेकिन दिया जलाना कहां मना है। उन्होंने कहा कि चलो कमल के साथ दिया जलाएं

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