रविवार, 3 मार्च 2013

हादसे में काल कलवित हुए पांच सगे सम्बंधियों की अर्थीएक ही दिन उठी।

करूण-क्रंदन, विलाप और ढाढ़स

सायला। आसाणा सरहद में मालियों की बाड़ी में शुक्रवार रात सड़क हादसे ने तीन गांवों को गमजदा कर दिया। यह हादसा ना केवल ऊनड़ी, विशाला व दादाल गांव को बल्कि पूरे उपखंड क्षेत्र के लोगों का दिल दहला गया। हादसे में काल कलवित हुए पांच सगे सम्बंधियों की अर्थीएक ही दिन उठी। तो दूसरी तरफ एक परिवार का अकेला सहारा भी कुदरत ने छीन लिया।

घटना के बाद शनिवार को तीनो गांवों में शोक की लहर छा गई। चार परिवारों से जब अर्थियां उठी तो परिजनों की चित्कारों से इन गांवों का माहौल कारूणिक हो गया। वहीं शव यात्रा में शामिल लोग भी भाव विह्वल होकर अपने आंसू रोक नहीं पाए। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने भी अंतिम यात्रा में शामिल होकर परिजनों को सांत्वना दी।

रह गई सिर्फ यादें
जालोर. जीप में सवार लोग रामदेवरा दर्शन के लिए गए थे। रवानगी पर सभी लोग खुश थे। ऎसा लग रहा था जैसे वे खुशी के हर पल को जीना चाहते थे। रामदेवरा दर्शन के दौरान भी इन लोगों ने साथ फोटो खिंचावाए। वे इन यादों को संजोना चाहते थे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। घर लौटने से पहले ही सारी खुशियां उजड़ गई। रह गईतो सिर्फ तस्वीर में कैद यादें।

कई घरों में नहीं जले चूल्हे
सायला. ह्वदय विदारक सड़क हादसे के बाद ऊनड़ी, विशाला तथा दादाल गांव मे शनिवार को दिनभर शोक छाया रहा। हर रोज जहां इन गांवों के चौहटे पर हथाइयां जमती थी। लेकिन शनिवार के दिन इन गांवों में सन्नाटा नजर आया। ना यहां रोज जैसी रौनक थी और ना ही वहीं माहौल। शोक के चलते कईघरों में शनिवार को चूल्हे तक नहीं जले।

पांच मृतक सगे रिश्तेदार
सायला. सड़क हादसे में पांच मृतक आपस में सगे सम्बंधी थे। ऊनड़ी निवासी मृतका मीरा पत्नी पताराम सुथार तथा विशाला निवासी भागू पत्नी बगदाराम सुथार सगी बहने थीं। दादाल निवासी नरपतराम पुत्र वेलाराम की भी मौत हो गई।जो मृतका का सगा भाई था। इसी तरह मीरा के पति पताराम व भागू के पति बगदाराम की भी हादसे में मौत हो गई, जो सगे साढू थे। पताराम के बेटे केवाराम व जीताराम तथा बेटी निरमा की हालत भी नाजुक बनी हुई है। जिनका इलाज मेहसाणा मे चल रहा है।

कुदरत ने छीना सहारा
सायला. मृतक जीप चालक दादाल निवासी अजाराम पुत्र पूनमाराम देवासी अपने परिवार मे एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। जो वाहन चाालक की नौकरी कर परिवार का पालन पोषण करता था। उसके परिवार मे पत्नी के अलावा तीन बेटियां व एक बेटा है। अजाराम की मौत के बाद घर में कोहराम मचा हुआ था। हर तरफ चित्कारें सुनाईदे रही थी। इन सबके बीच ये मासूम बच्चे रोते परिजनों को देख खुद रो पड़ते।सगे-सम्बंधियों को चिंता थी तो बस एक ही कि अब इन मासूमों को सहारा कौन देगा।

यही हाल मृतक पताराम सुथार व बगदाराम के परिजनों का था।बगदाराम आन्ध्र प्रदेश मे नौकरी करते थे। जबकि पताराम गुजरात में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। उसकी मौत के बाद अब परिवार का गुजारा चलाने के लिए कमाने वाला कोई नहीं है। उसका सबसे बड़ा लडका केवलाराम 17 वर्ष का है, जबकि जीताराम 15 वष्ाü तथा नीरमा 10 वष्ाü की है। तीनों मासूम बेसहारा हो गए। पताराम की मां की उम्र 85 वर्ष है।जो खुद मुश्किल से चल फिर पाती है।ऎसे में परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है। दोनों के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। घर के चिराग बुझने से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था।

प्रशासन पहुंचा मौके पर
सायला. घटना के बाद शनिवार सुबह उपखण्ड अधिकारी संजय कुमार वासु तथा विकास अधिकारी जितेन्द्रसिंह सान्दू उनड़ी पहुंचे। अधिकारियों ने मृतक पताराम के घर पहंुचकर परिजनो को सांत्वना दी तथा शवयात्राा में शरीक हुए। इसके बाद विशाला पहुंचकर मृतको के परिजनों को ढाढस बंधाया। इस दौरान उन्होंने परिजनों को अतिशीघ्र सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया। वहीं उप प्रधान नरपतसिंह तिलोड़ा, पंचायत समिति सदस्य पदमाराम हरमू ने दादाल पहुंचकर मृतक नरपतराम व अजाराम के परिजनों को ढांढस बंधाया और शवयात्रा में शामिल हुए। शवयात्रा मे ग्रामीणों सहित आसपास के गांवों से बड़ी तादाद में लोग पहुंचे।

आर्थिक सहायता की मांग
सायला. निकटवर्ती मालियों की बाड़ी के समीप शुक्रवार रात हादसे में छह लोगों की मौत की घटना के बाद शनिवार सवेर समिति प्रधान रामप्रकाश चौधरी, उप प्रधान नरपतसिंह तिलोड़ा, उदयसिंह दादाल समेत कई लोगों ने उपखंड अधिकारी संजयकुमार वासु एवं नायब तहसीलदार चुनसिंह राजपुरोहित से मृतक आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र आर्थिक सहायता प्रदान कराने की मांग की। उन्होने सामुदायिक स्वासथ्य केन्द्र में रिक्त पदों पर सरकार से शीघ्र चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को कहा।

प्रधान ने थानाधिकारी आनंद कुमार को ओवर लोडिंग वाहनों की धरपकड़ की बात कही। उन्होंने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक होते तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थी। भाजयुमो अध्यक्ष विक्रमसिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर अस्पताल में चिकित्सको की नियुक्ति की मांग की। साथ ही इसके अभाव में धरना प्रदर्शन एंव आंदोलन की चंतावनी भी दी। यहां मौजूद लोगों ने दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान हाजाराम देवासी, मोहन मेघवाल, लम्बाराम देवासी, लाखाराम, शंभूसिंह, पदमसिंह सहित ग्रामीण मौजूद

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