रविवार, 24 मार्च 2013

"दिल-जिगर"उड़ा कर ले गई वायु सेना

"दिल-जिगर"उड़ा कर ले गई वायु सेना

नई दिल्ली। दिल चुरा कर ले जाने की घटनाएं तो रोज-ब-रोज होती रहती हैं लेकिन हाल ही में दिल उड़ाकर ले जाने का दिलचस्प और सुखद मामला सामने आया है। दिल उड़ाकर ले जाने का यह मामला भारतीय वायु सेना से जुड़ा है जिसने मजाक या मुहावरे में नहीं बल्कि सचमुच में इंसान के "दिल" को हवाई सैर कराई। इतना ही नहीं, वायु सेना ने एक जिगर को भी विमान में बैठाकर उसके मुकाम तक पहंुचाया।

यह मामला दो मरीजों की जिंदगी और मौत से जुड़ा था जिसमें एक को दिल की और दूसरे को जिगर की जरूरत थी। पहली घटना राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की है जहां आपरेशन थियेटर में एक व्यक्ति का ह्वदय जवाब दे रहा था और डाक्टरों के चेहरे पर चिंता की रेखाएं गहरी होती जा रही थीं। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में सेना के अस्पताल रिसर्च एंड रैफरल में भर्ती सेंट्रल व्हीकल डिपो के हवलदार पीकेजे सिंह का जिगर खत्म हो चुका था और डाक्टरों का कहना था कि अब नया जिगर ही इस मरीज की जिंदगी बचा सकता है।

वायु सेना की एक अधिकारी के अनुसार 14 मार्च की रात दो अस्पतालों में दो मरीज दिल और जिगर के प्रत्यारोपण के लिए मौत से संघर्ष कर रहे थे। सेना के अस्पताल को उसी समय चंडीगढ के पीजीआई अस्पताल से शुभ सूचना मिली। पीजीआई के संदेश में कहा गया था कि एक व्यक्ति का मष्तिक मर चुका है और उसका दिल एवं जिगर एकदम सही काम कर रहे हैं। इन दोनों महत्वपूर्ण अंगों को दूसरे मरीजों को देकर बचाया जा सकता है। ऎसे में अस्पताल से वायु सेना के पास मदद की गुहार आई।

रातके समय ही वायु सेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने आदेश दिया कि चंडीगढ के मृत व्यक्ति के दिल और जिगर को सुरक्षित लाने के इंतजाम किए जाएं। वायु सेना ने अपना डोर्नियर विमान आनन-फानन में चंडीगढ रवाना किया और डाक्टरों के दल की अगुवाई में दिल और जिगर को सहेज सुरक्षित दिल्ली लाया गया। विमान दिल्ली उतरते ही दिल को एम्स और जिगर को सेना के अस्पताल की ओर एम्बुलेंस से रवाना किया गया। एम्स के अस्पताल में दिल और सेना के अस्पताल में जिगर को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। दोनों अस्पताल के सूत्रों से पता चला है कि दोनों मरीजों की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है और उनके दिल एवं जिगर ठीक ढंग से काम कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें