8 बैगों में मिला बम बनाने का सामान
जम्मू/नई दिल्ली। होली के मौके पर नई दिल्ली को दहलाने की आंतककारियों की कोशिशों को नाकाम करने में जुटी दिल्ली पुलिस को एक और सफलता मिली। पुलिस ने सचिवालय के बाहर आठ बैगो में बम बनाने का सामान बरामद किया है। इन बैगो पर दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन की नजर पड़ी थी।
गौरतलब है कि बीते दिनों दिल्ली पुलिस द्वारा आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े रहे आतंकवादी सैयद लियाकत शाह की गिरफ्तारी किया था। उसकी निशानदेही पर जामा मस्जिद के पास स्थित एक गेस्ट हाउस पर छापा मारकर विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। लियाकत से ही पूछताछ में खुलासा हुआ था कि दिल्ली में आत्मघाती हमले की वारदात अंजाम देने के लिए आतंकी प्रवेश कर चुके हैं। उनकी प्रमुख स्थलों को निशाना बनाने की योजना है। इसके बाद से दिल्ली पुलिस लगातार सर्च कर रही है।
उधर, गोरखपुर से गिरफ्तार किए गए लियाकत अली के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि वह राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण के लिए कश्मीर लौट रहा था। उसकी निशानदेही पर ही दिल्ली पुलिस ने जामामस्जिद के निकट एक गेस्ट हाउस से गोला-बारूद व अन्य हथियार बरामद करने का शुक्रवार को दावा किया था लेकिन जम्मू-कश्मीर के गृह राज्यमंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने शनिवार को राज्य विधानसभा में मीडिया के एक वर्ग में आई उन खबरों पर स्पष्टीकरण दी,जिसमें कहा गया है कि लियाकत समर्पण करने के इरादे से नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर लौट रहा था।
सीसीटीवी फुटेज मीडिया को दी
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी लियाकत की गिरफ्तारी पर लगे आरोपों को दिल्ली पुलिस ने खारिज किया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर सही आतंकी नहीं पकड़ा, तो फिर जामा मस्जिद के गेस्ट हाउस से मिले हथियार और विस्फोटक किसके हैं। हकीकत में गिरफ्तार आतंकी लियाकत की ही निशानदेही पर एके 56 व अन्य विस्फोटक बरामद किए हैं।
पुलिस लियाकत से पूछताछ कर रही है, तांकि गेस्ट हाउस में ठहरने वाले बाकी दो आतंकियों की पहचान हो सके। इस बीच पुलिस कोगेस्ट हाउस के सीसीटीवी फुटेज से एक आतंकी की तस्वीर मिली है,जिसे मीडिया को जारी किया गया है। आरोपों पर सफाई देते हुए पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अगर लियाकत कश्मीर में बसने के लिए सरेंडर करने आ रहा था,तो उसने नेपाल का रूट क्यों पकड़ा। वह पीओके से बस द्वारा कश्मीर जा सकता था,कश्मीर पुलिस का कोई कर्मी उसे लेनेभारत-नेपाल बार्डर पर क्यों नहीं पहुंचा।
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