रागेश्वरी व ऎश्वर्या से गैस उत्पादन इसी हफ्ते
बाड़मेर । मंगला के बाद कवास स्थित "ऎश्वर्या" ऑयल फील्ड भी अब तेल उत्पादन के लिए तैयार हो चुका है। रागेश्वरी भी गैस के व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 मार्च को दोनों ऑयल फील्ड से तेल-गैस के उत्पादन का शुभारंभ करेंगे। ऎश्वर्या क्षेत्र के कुओं से निकलने वाला तेल एमपीटी नागाणा स्थित स्टोरेज टैंको तक जाएगा।
ऎश्वर्या से इस साल के अन्त तक प्रतिदिन 25 हजार बैरल तेल उत्पादन शुरू हो जाएगा। शुरू में इससे रोजाना 2-3 हजार बैरल तेल निकाला जाएगा और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा।
केयर्न इंडिया ने अगले साल की शुरूआत में तेल उत्पादन को 1.75 लाख बैरल से बढ़ाकर 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना बनाई है। ऎश्वर्या से उत्पादन शुरू होने से इस बेसिन में तेल उत्पादन करने वाले क्षेत्राें की तिकड़ी बन जाएगी। मंगला, भाग्यम और ऎश्वर्या की यह तिकड़ी एमबीए के नाम से जानी जाएगी।
रागेश्वरी से उत्पादित गैस का उपयोग अभी मंगला टर्मिनल के बिजलीघर में हो रहा है। अब इस क्षेत्र से 10 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस बारे में केयर्न इंडिया व गेल के बीच करार होना है। गेल ही तय करेगी कि इस गैस का क्या उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार इस गैस को जोधपुर लाकर बिजली उत्पादन शुरू करने पर विचार कर रही है।
दो छोटे कुओं से भी उत्पादन: इन दिनों मंगला, भाग्यम के अलावा गुड़ा व सरस्वती तेल कुओं से भी तेल का उत्पादन हो रहा है, मगर इन कुओं से तेल का उत्पादन बहुत ही कम मात्रा में हो रहा है।
बाड़मेर । मंगला के बाद कवास स्थित "ऎश्वर्या" ऑयल फील्ड भी अब तेल उत्पादन के लिए तैयार हो चुका है। रागेश्वरी भी गैस के व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 मार्च को दोनों ऑयल फील्ड से तेल-गैस के उत्पादन का शुभारंभ करेंगे। ऎश्वर्या क्षेत्र के कुओं से निकलने वाला तेल एमपीटी नागाणा स्थित स्टोरेज टैंको तक जाएगा।
ऎश्वर्या से इस साल के अन्त तक प्रतिदिन 25 हजार बैरल तेल उत्पादन शुरू हो जाएगा। शुरू में इससे रोजाना 2-3 हजार बैरल तेल निकाला जाएगा और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा।
केयर्न इंडिया ने अगले साल की शुरूआत में तेल उत्पादन को 1.75 लाख बैरल से बढ़ाकर 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना बनाई है। ऎश्वर्या से उत्पादन शुरू होने से इस बेसिन में तेल उत्पादन करने वाले क्षेत्राें की तिकड़ी बन जाएगी। मंगला, भाग्यम और ऎश्वर्या की यह तिकड़ी एमबीए के नाम से जानी जाएगी।
रागेश्वरी से उत्पादित गैस का उपयोग अभी मंगला टर्मिनल के बिजलीघर में हो रहा है। अब इस क्षेत्र से 10 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस बारे में केयर्न इंडिया व गेल के बीच करार होना है। गेल ही तय करेगी कि इस गैस का क्या उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार इस गैस को जोधपुर लाकर बिजली उत्पादन शुरू करने पर विचार कर रही है।
दो छोटे कुओं से भी उत्पादन: इन दिनों मंगला, भाग्यम के अलावा गुड़ा व सरस्वती तेल कुओं से भी तेल का उत्पादन हो रहा है, मगर इन कुओं से तेल का उत्पादन बहुत ही कम मात्रा में हो रहा है।
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