पिछले कुछ दिनों से यहां जयपुर रेलवे स्टेशन पर काम कर रहीं मंजू को रेल अधिकारियों ने पिछले शुक्रवार को औपचारिक रूप से लाइसेंस दिया। पश्चिमोेत्तर रेलवे के प्रवक्ता तरुण कुमार जैन ने बताया कि मंजू को उनके पति का लाइसेंस हस्तांतरित किया गया और उन्हें बैज नंबर 15 दिया गया। मंजू ने कहा, मेरे पति लंबे समय से बीमार थे और मैंने उन्हें कुछ महीनों पहले खो दिया। उनके निधन के बाद मुझे परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। मैं अनपढ़ हूं लेकिन एक कुली के तौर पर काम कर सकती हूं। उन्होंेने कहा, अब मैं अपने बच्चों को भी जयपुर ले आऊंगी और उनकी पढ़ाई का बंदोबस्त करूंगी। उन्होंेने अपने साथी कुलियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुरुष प्रधान पेशा है लेकिन वे मेरा सहयोग करते हैंं।
मंगलवार, 19 मार्च 2013
तीन बच्चों की मां बनीं राजस्थान की पहली महिला कुली
पिछले कुछ दिनों से यहां जयपुर रेलवे स्टेशन पर काम कर रहीं मंजू को रेल अधिकारियों ने पिछले शुक्रवार को औपचारिक रूप से लाइसेंस दिया। पश्चिमोेत्तर रेलवे के प्रवक्ता तरुण कुमार जैन ने बताया कि मंजू को उनके पति का लाइसेंस हस्तांतरित किया गया और उन्हें बैज नंबर 15 दिया गया। मंजू ने कहा, मेरे पति लंबे समय से बीमार थे और मैंने उन्हें कुछ महीनों पहले खो दिया। उनके निधन के बाद मुझे परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। मैं अनपढ़ हूं लेकिन एक कुली के तौर पर काम कर सकती हूं। उन्होंेने कहा, अब मैं अपने बच्चों को भी जयपुर ले आऊंगी और उनकी पढ़ाई का बंदोबस्त करूंगी। उन्होंेने अपने साथी कुलियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुरुष प्रधान पेशा है लेकिन वे मेरा सहयोग करते हैंं।
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