शनिवार, 9 मार्च 2013

जियारत कर अजमेर से लौटे पाक पीएम

जियारत कर अजमेर से लौटे पाक पीएम
अजमेर/जयपुर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने जयपुर और अजमेर में विरोध और प्रदर्शन के बीच शनिवार को ख्वाजा की जियारत की। अशरफ अजमेर दरगाहर में करीब 35 मिनट रहे और शाम 5.30 बजे अजमेर से जयपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। जयपुर एयरपोर्ट से अशरफ और अन्य पाकिस्तानी डेलिगेट्स सीधे पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जियारत

अजमेर पहुंचे अशरफ को घूघरा हैलीपेड से दरगाह तक के सफर में भी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। हालांकि,कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अशरफ ने 4 बजे दरगाह में प्रवेश कर लिया। वकीलों और स्थानीय व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन के बीच पाक पीएम अपने 48 लोगों प्रतिनिधि मंडल के साथ दरगाह पहुंचे। जियारत के लिए वे करीब 35 मिनट वहां रहे। अशरफ ने ख्वाजा की मजार पर 40 किलो की चादर चढ़ाई।

काले रंग के गुब्बारे उड़ाए

पाक पीएम जब घूघरा हैलीपेड से दरगार के जा रहे थे,विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने काले रंग के गुब्बारे हवा में उड़ाए और इनमें पीए के विरोध में कई तख्तियां भी लटकाई हुई थी। उधर,वकीलों ने भी अशरफ के काफिले के रास्ते में जमकर प्रदर्शन किया। इससे पूर्व अशरफ को जयपुर में भी विरोध का सामना करना पड़ा था। जयपुर में अशरफ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए करणी सेना की ओर से काले झंडे दिखाए गए।

काली साड़ी पहन जताया विरोध

अजमेर में ख्वाजा की दरगाह के मुख्य गेट पर पाकिस्तानी प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के सामने भी भारी विरोध प्रदर्शन किया गया है। अजमेर में कड़े सुरक्षा इंतजामों को धत्ता बताते हुए 3 महिलाएं काली साड़ी पहनकर अजमेर दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर पहुंची। इनमें एक भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय पार्षद भी शामिल थी। महिलाओं के साथ 2 पुरूष भी थे। पांचों सुरक्षा घेरा तोड़कर निजाम गेट तक पहुंचे और "प्रधानमंत्री वापस जाओ" आदि नारे लगाने लगे। इसी बीच पीएम अशरफ के साथ भारत आए पाकिस्तानी प्रतिनिधि मंडल के करीब 2 दर्जन सदस्य भी वहां पहुंच गए। उनके सामने प्रदर्शनकारियों की विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

विश्व हिंदू परिषद के 8 लोग हिरासत में

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अशरफ की अजमेर यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन की रणनीति बना रहे विश्व हिंदू परिषद शहर अध्यक्ष शशिप्रकाश इंदौरिया सहित 8 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। ये सभी अशरफ के घूघरा हैलीपेड से दरगाह तक के रास्ते में विरोध की तैयारी कर रहे थे।

जयपुर में विदेश मंत्री ने दी दावत

उल्लेखनीय है कि अशरफ शनिवार दोपहर करीब 12 बजे पाकिस्तान से जयपुर पहुंचे थे। उनके साथ पाकिस्तान से 48 सदस्यीय डेलिगेशन भी भारत आया। पाकिस्तानी डेलिगेशन जयपुर से सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत के लिए अजमेर रवाना हुए। अशरफ के साथ उनके परिवार के 18 सदस्य भी इस यात्रा में शामिल हैं। अशरफ के स्वागत में भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद भी जयपुर आए और उन्होंने यहां होटल रामबाग पैलेस में पाक पीएम को दावत भी दी।


यात्रा पर बवाल,आव-भगत पर सवाल

सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों के सिर काटने की अमानवीय घटना के खिलाफ पाकिस्तान की कड़ी निंदा और विरोध के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर आमजन में रोष है। सवाल भारत सरकार पर भी उठाए जा रहे। सैनिकों के साथ बर्बरतापूर्ण कृत्यों के बावजूद जयपुर में अशरफ का उनका स्वागत किया जा रहा है और दावत दी जा रही है। जबकि,एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि अशरफ से कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

1 घंटा देरी से पहुंचा विमान

राजा परवेज अशरफ को लेकर आने वाला विशेष विमान जयपुर करीब 1 घंटा देर से पहुंचा। अशरफ जयपुर एयरपोर्ट पर 11 बजे पहुंचने वाले थे। लंच के बाद पाकिस्तानी डेलिगेशन के साथ अशरफ जयपुर से राजकीय हैलीकॉप्टर से घूघरा हैलीपेड पहुचे। करीब 3.45 बजे उनका काफिला ख्वाजा की दरगाह पहुंचा।

35 मिनट ख्वाजा की शरण में रहे

सियासी खींचतान से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ शनिवार को ख्वाजा मोइनुद्यीन चिश्ती की दरगाह में माथा टेक कर दुआ मांगी। वह 35 मिनट तक दरगाह शरीफ में रूके।


"राजा परवेज को रोका नहीं जा सकता"

अंजुमन सैयदजादगान के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा शाह के अनुसार दरगाह दीवान के बहिष्कार करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पूर्व में पाक राष्ट्रपति जरदारी की जियारत का भी वह बहिष्कार कर चुके हैं लेकिन जरदारी ने सुकून से जियारत की। सूफियों की दरगाहों और खानकाहों में किसी भी धर्म या मुल्क के व्यक्ति को रोका नहीं जाता है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भी हर मजहब और मुल्क के लोग आते रहे हैं। पाक प्रधानमंत्री की यात्रा से भारत सरकार को ही एतराज नहीं है तो फिर हम कौन हैं,उन्हें यहां आने से रोकने वाले।

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