बुधवार, 6 मार्च 2013

महिला जन प्रतिनिधि अपने अधिकारों को पहचानें:श्रीमती मदनकौर

महिला जन प्रतिनिधि अपने अधिकारों को पहचानें:श्रीमती मदनकौर
महिला जन प्रतिनिधि साक्तिकरण अभियान का भाुभारंभ

बाड़मेर, 06 मार्च। महिला जन प्रतिनिधि अपने अधिकारों को पहचाने की जरूरत है। महिलाओं के साक्तिकरण के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। जन प्रतिनिधियों को जागरूक होकर आमजन को इसका अधिकाधिक फायदा दिलाने की दि में प्रयास करने होंगे। यह बात जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर ने जिला परिषद सभागार में महिला जन प्रतिनिधि साक्तिकरण अभियान 2012 के दौरान संबोधित करते हुए कही।
जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर ने कहा कि महिला जन प्रतिनिधियों को जागरूक होकर यह तय करना होगा कि उनके अधिकारों का इस्तेमाल कोई दूसरा नहीं करें। इसके लिए उनको अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने महिला आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं को आत्म सम्मान दिलाने के लिए कई प्रावधान किए गए गए है। उन्होंने महिलाओं की िक्षा की जरूरत जताते हुए कहा कि बालिकाओं को िक्षा से जोड़ने का कार्य भी महिलाओं का है। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों की रोकथाम में भी महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने पंचायतीराज एवं महिला साक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि सबके प्रयासों से महिलाओं को पुरूषों के समान विकास के अवसर मिल सकेंगे।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने कहा कि महिला साक्तिकरण के लिए िक्षा बेहद जरूरी है। अगर महिलाएं िक्षित होगी तो उनको अपने अधिकारों की जानकारी हो सकेगी। उन्होंने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा कि इस कार्याला में भामिल हुई महिला जन प्रतिनिधि इस दौरान बताई गई जानकारी अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए महिला जन प्रतिनिधियों से आगे आने की अपील की। उन्होंनें पिछले कुछ समय से दहेज प्रताड़ना के मामलों में इजाफा होने पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर समय रहते कन्या भ्रूण हत्या पर रोक नहीं लगाई गई तो स्थिति बेहद भयावह हो जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार महिला साक्तिकरण के लिए तत्पर है। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अलावा स्वयं सहायता समूहों के जरिए महिलाओं के आर्थिक उत्थान के प्रयास किए जा रहे हैं। महात्मा गांधी नरेगा में महिलाओं के व्यक्तिगत खाते खोलने के साथ उनके खातों में मजदूरी की राि जमा की जा रही है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुदृ हो सके। गुगरवाल ने सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूकता, महिला िक्षा की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि महिला जन प्रतिनिधियों को सरकारी योजनाओं से अधिकाधिक महिलाओं एवं जरूरतमंदों को लाभांवित करने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला जन प्रतिनिधि िक्षित एवं जागरूक होने पर अपने उत्तरदायित्व को निभा पाएगी, ऐसे में महिला िक्षा बेहद जरूरी है। उन्होंने कार्याला आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
चौहटन प्रधान समा बानो ने ऐसे आयोजनों की समयसमय पर जरूरत जताते हुए कहा कि महिला जन प्रतिनिधियों को अपने अधिकारों के प्रति गंभीर होना होगा। उन्होंने कहा कि महिला जन प्रतिनिधि किसी को आदार मानते हुए उसके अनुरूप चलने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बालिका िक्षा के लिए सबको आगे आकर पहल करनी होगी। इस दौरान लक्ष्मीनारायण जोाी, देवीसिंह चौधरी समेत कई वक्ताओं ने महिला जन प्रतिनिधि साक्तिकरण के बारे में बताया। इस दौरान डाक्यूमेट्री दिखाई गई।

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