बुधवार, 20 मार्च 2013

रिफाइनरी के लिए जमीन अवाप्ति के विरोध में लामबद्ध हुए किसान,


किसानों का गुस्सा फूटा, जुलूस निकाल किया प्रदर्शन


रिफाइनरी के लिए जमीन अवाप्ति के विरोध में लामबद्ध हुए किसान, आधा दर्जन गांव व ढाणियों के किसानों ने उपखंड मुख्यालय पर किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा 


बायतु  लीलाला में रिफाइनरी की घोषणा के बाद जमीन अवाप्ति को लेकर विरोध के स्वर मुखरित हो रहे हैं। बीते कई दिनों से धरने पर बैठे किसान मंगलवार को सड़कों पर उतर आए। जुलूस के रूप में किसान उपखंड कार्यालय पहुंचे। किसान हाथों में तख्तियां थामे नारेबाजी करने लगे। आक्रोशित किसानों ने पुश्तैनी जमीन रिफाइनरी के लिए अवाप्ति के विरोध में प्रदर्शन किया। इसके बाद किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर सरकारी भूमि पर रिफाइनरी स्थापित करने की मांग रखी। बायतु क्षेत्र के लीलाला गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए अवाप्त की जा रही भूमि के विरोध में लीलाला, जांदुओ की ढाणी, सगरोमोणी की ढाणी, नाइयों की ढाणी, कोलू लीलासर समेत कई गांवों के सैकड़ों किसान बायतु पहुंचे। फलसूंड रोड से किसान रैली के रूप में उपखंड कार्यालय के लिए रवाना हुए। जुलूस में महिलाएं भी हाथों में तख्तियां थामे शामिल हुई। जुलूस कस्बे के विभिन्न मार्गों से होते हुए उपखंड कार्यालय पहुंचा। जहां पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। भूमि अवाप्ति को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया। किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में बताया कि पुश्तैनी जमीन को रिफाइनरी के लिए अवाप्त नहीं होने देंगे। पीढिय़ों से खेती व पशुपालन से आजीविका चला रहे हैं। जब जमीन सरकार अवाप्त कर लेगी तो हम कहां जाएंगे। सरकार से हमारी एक ही मांग है कि जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे। 

॥जमीन को किसी भी सूरत में अवाप्त होने नहीं देंगे। न्याय की लड़ाई जारी रहेगी। सरकार को किसानों के हितों का ध्यान रखना चाहिए।
हंसराज गोदारा बायतु
॥ सरकार किसानों के साथ न्याय करें। खेती व पशुपालन से आजीविका चलाने वाले किसानों को बेघर करना गलत है। इसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।
केशाराम बेनीवाल, ग्रामीण
॥ जमीन सरकार अवाप्त कर लेगी तो हम तो बेघर हो जाएंगे। आजीविका चलाना मुश्किल होगा। जमीन अवाप्त मुक्त की जाए।
सारो देवी, ग्रामीण
॥ रिफाइनरी के लिए सरकारी जमीन अवाप्त की जानी चाहिए। किसानों की पुश्तैनी जमीन को अवाप्त करना उचित नहीं है। किसान आंदोलन जारी रखेंगे।
कैलाश चौधरी, भाजपा नेता
॥ सरकार हजारों बीघा जमीवन अवाप्त कर रही है। खेती व पशुपालन से आजीविका चलाने वाले किसान कहां जाएंगे।
बालाराम चौधरी, किसान नेता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें