बैंकों ने तय किया है कि अगर नोटिस जारी होने के 15 दिन बाद बकाया नहीं चुकाया जाता है तो लोन की गारंटी देने वालों के फोटो, नाम पते व अन्य जानकारी अखबारों में छपवा दी जाएगी। एक प्रमुख बैंक के आला अफसर ने बताया कि कुछ बैंकों ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के फोटो व ब्यौरा उनके इलाकों में प्रमुखता से छपवाने का फैसला किया है। कुछ और बैंकों के अफसरों ने कहा है कि वे कर्ज चुकाने में आनाकानी करने वालों के नाम व फोटो उन अखबारों में छपवाएंगे जो उनके इलाके में बंटते हैं।
एसबीआई ने इस दिशा में कदम उठाते हुए पांच ऐसे कर्जदारों के फोटो व ब्यौरा दिल्ली एनसीआर के अखबारों में छपवाया है। इन लोगों ने बैंक से तीन-तीन लाख रुपये का एक्सपोर्ट लोन लिया था। बैंक का उन पर 2.6 लाख से लेकर 2.93 लाख रुपये तक बकाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के हिसाब से जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों में वे कर्जदार आते हैं जो अच्छी आमदनी और पैसे का जरिया होने के बावजूद बैंक को बकाए का भुगतान नहीं करते। आरबीआई ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों से जुड़ी जानकारी का प्रचार करने के लिए एक सिस्टम पहले ही लागू कर रखा है ताकि दूसरे बैंकों व वित्तीय संस्थानों को अलर्ट किया जा सके कि इन कर्जदारों को और कर्ज नहीं मिले।
आरबीआई ने क्रेडिट इन्फर्मेशन ब्यूरो (सिबिल) से भी जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों की सूची प्रकाशित करने को कहा है। यह सूची 25 लाख रुपये या अधिक राशि वाले बकाएदारों की होगी। सिबिल के डेटा बेस के अनुसार जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के खिलाफ 31 दिसंबर 2012 तक कुल मिलाकर 123 मामले दर्ज किए गए जो 2,993.22 करोड़ रुपये के हैं।
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