21 साल पुराने महावीर गृह निर्माण सहकारी
समिति भूमि घोटाले में अब हुई कार्रवाई
सहकारी समिति के अध्यक्ष और मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा, जमीन हड़पने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज होगा। भविष्य में ऐसे मामलों में 7 दिन में मुकदमा दर्ज करवाने की घोषणा भी की सहकारिता मंत्री ने।
महावीर गृह निर्माण सहकारी समिति भूमि घोटाला: मंडिया रोड पर आनंद नगर नाम से प्लानिंग काटी थी, 922 भूखंड थे, पट्टे जारी कर दिए थे 105, सहकारिता मंत्री परसादीलाल ने माना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ।
जयपुर पाली में इक्कीस साल पहले महावीर गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा किए गए जमीन घोटाले का मामला विधायक ज्ञानचंद पारख सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों ने विधानसभा में उठाया। इस मामले को लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ। विधायक ज्ञानचंद पारख ने यह विधानसभा में सवाल लगाकर यह मामला उठाया था। इस पर सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि उन्हें भी पता है इस प्रकरण में भारी घोटाला हुआ है। मीणा ने इस मामले में सहकारी समिति के अध्यक्ष और मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने तथा 1997 से वर्ष 2009 तक जिले में डिप्टी रजिस्ट्रार रहे सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। पारख ने आरोप लगाया कि समिति को 30 अक्टूबर 1982 से 30 जून 1989 तक कुल 1051 पट्टे जारी कर दिए, लेकिन भूखंड 922 ही थे। 23 बीघा सरकारी जमीन भी प्लान में शामिल कर पट्टे उठा लिए। एक भूखंड दो-दो बार बेच दिया गया, यह धोखाधड़ी है, मुकदमे दर्ज कर किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जावे। इस पर मंत्री ने कहा कि इस की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। समिति का रिकॉर्ड हासिल करने के लिए प्रशासन ने 2009 में इस्तगासा भी दायर करवाया था। वर्ष 1992 से 2013 तक रिकॉर्ड नहीं मिलना गंभीर है, इसमें लिप्त लोगों को सरकार नहीं बख्शेगी। एसीबी को मामला सौंपा जाएगा। पारख ने कहा कि यह अधिकारियों की लापरवाही की बात नहीं है। एक भूखंड के बार-बार बेचने से लोगों में झगड़ा हो रहा है, मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। इस पर विधायक राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य विपक्षी विधायकों ने भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
देर रात 4 अधिकारियों के निलंबन ऑर्डर जारी हुए !
मामले में देर रात मंत्री ने 4 अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी कर दिए। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार निलंबित होने वाले अधिकारियों में रवींद्र सिंह, अचल सिंह चौहान, संजय अमरावत और किशन मेवाड़ा के नाम शामिल हैं।
सबूत पेश किए विधानसभा के पटल पर
मामले में विधायक पारख ने एक भूखंड के दो-दो पट्टे जारी करने के सबूत और दस्तावेज भी विधानसभा के पटल पर रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि महावीर गृह निर्माण समिति के करीब 500 ऐसे प्रकरण हैं जिनमें एक ही भूखंड के डबल पट्टे जारी किए गए हों। सरकारी भूमि को भी प्लान में शामिल कर दिया। इसमें तत्कालीन पटवारी और तहसीलदार भी दोषी हैं।
17 वर्ष तक क्या कर रहे थे प्रशासक
इस मामले में विधायक पारख की बात का समर्थन करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 17 साल तक प्रशासन कर क्या रहा था। इसमें सबसे बड़ा दोषी प्रशासक है, भले ही एक रहे हों या पांच। नेता प्रतिपक्ष की मांग पर सहकारिता मंत्री ने कहा इस मामले में जितने भी अधिकारी दोषी रहे हैं, उनको सूचीबद्ध कर तुरंत सस्पेंड किया जाएगा। उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमे भी दर्ज करवाए जाएंगे।
विधायक ज्ञानचंद पारख ने विधानसभा में पाली के पॉलिटेक्निक कॉलेज में सीटें बढ़ाने का मामला भी उठाया। इसके जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री ने सीटें नहीं बढ़ाने की जानकारी दी।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने विधायक ज्ञानचंद पारख के सवाल के जवाब में कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज में इस साल क्षमता के अनुरूप प्रवेश नहीं होने के चलते अगले सत्र में सीटों की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। गत चार साल में पाली जिला मुख्यालय पर चल रही पॉलिटेक्निक कॉलेज में स्ववित्त पोषित योजनाके अंतर्गत इलेक्ट्रिकल में 60, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में 40 सीटें बढ़ाने की स्वीकृति दी जा चुकी है।
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग भी उठी
विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने राजस्थान विधानसभा में सर्वसम्मति बनाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाने की मांग रखी। साथ ही कहा कि सरकार गो हत्या रोकने के लिए कठोर कानून बनाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर गोशाला के लिए भूमि आवंटित होनी चाहिए। कृषि उपज मंडी समिति को होने वाली आय का दस फीसदी हिस्सा गोशालाओं के लिए आरक्षित किया जावे। इसके साथ ही गुजरात की तर्ज पर अनुदान बढ़ाकर गाय के लिए 50 रुपए और बछड़े के लिए 30 रुपए करने की भी मांग रखी। इसके पहले विधायक हनुमान बेनीवाल ने सरकार ने गोशालाओं का अनुदान चार साल से बंद कर रखा है, जिससे कई गोशालाएं बंद हो चुकी है और कई बंद होने के कगार पर हैं। विधायक जीवाराम ने कहा कि यह मसला किसी राजनीतिक दल का नहीं है। उनके इलाके में एशिया की सबसे बड़ी गोशाला (पथमेड़ा) है, लेकिन पर्याप्त अनुदान नहीं मिल रहा है। पिछली सरकार में मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे ने इस गोशाला को एक करोड़ रुपए दिए थे।
सहकारी समिति के अध्यक्ष और मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा, जमीन हड़पने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज होगा। भविष्य में ऐसे मामलों में 7 दिन में मुकदमा दर्ज करवाने की घोषणा भी की सहकारिता मंत्री ने।
महावीर गृह निर्माण सहकारी समिति भूमि घोटाला: मंडिया रोड पर आनंद नगर नाम से प्लानिंग काटी थी, 922 भूखंड थे, पट्टे जारी कर दिए थे 105, सहकारिता मंत्री परसादीलाल ने माना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ।
जयपुर पाली में इक्कीस साल पहले महावीर गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा किए गए जमीन घोटाले का मामला विधायक ज्ञानचंद पारख सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों ने विधानसभा में उठाया। इस मामले को लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ। विधायक ज्ञानचंद पारख ने यह विधानसभा में सवाल लगाकर यह मामला उठाया था। इस पर सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि उन्हें भी पता है इस प्रकरण में भारी घोटाला हुआ है। मीणा ने इस मामले में सहकारी समिति के अध्यक्ष और मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने तथा 1997 से वर्ष 2009 तक जिले में डिप्टी रजिस्ट्रार रहे सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। पारख ने आरोप लगाया कि समिति को 30 अक्टूबर 1982 से 30 जून 1989 तक कुल 1051 पट्टे जारी कर दिए, लेकिन भूखंड 922 ही थे। 23 बीघा सरकारी जमीन भी प्लान में शामिल कर पट्टे उठा लिए। एक भूखंड दो-दो बार बेच दिया गया, यह धोखाधड़ी है, मुकदमे दर्ज कर किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जावे। इस पर मंत्री ने कहा कि इस की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। समिति का रिकॉर्ड हासिल करने के लिए प्रशासन ने 2009 में इस्तगासा भी दायर करवाया था। वर्ष 1992 से 2013 तक रिकॉर्ड नहीं मिलना गंभीर है, इसमें लिप्त लोगों को सरकार नहीं बख्शेगी। एसीबी को मामला सौंपा जाएगा। पारख ने कहा कि यह अधिकारियों की लापरवाही की बात नहीं है। एक भूखंड के बार-बार बेचने से लोगों में झगड़ा हो रहा है, मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। इस पर विधायक राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य विपक्षी विधायकों ने भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
देर रात 4 अधिकारियों के निलंबन ऑर्डर जारी हुए !
मामले में देर रात मंत्री ने 4 अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी कर दिए। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार निलंबित होने वाले अधिकारियों में रवींद्र सिंह, अचल सिंह चौहान, संजय अमरावत और किशन मेवाड़ा के नाम शामिल हैं।
सबूत पेश किए विधानसभा के पटल पर
मामले में विधायक पारख ने एक भूखंड के दो-दो पट्टे जारी करने के सबूत और दस्तावेज भी विधानसभा के पटल पर रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि महावीर गृह निर्माण समिति के करीब 500 ऐसे प्रकरण हैं जिनमें एक ही भूखंड के डबल पट्टे जारी किए गए हों। सरकारी भूमि को भी प्लान में शामिल कर दिया। इसमें तत्कालीन पटवारी और तहसीलदार भी दोषी हैं।
17 वर्ष तक क्या कर रहे थे प्रशासक
इस मामले में विधायक पारख की बात का समर्थन करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 17 साल तक प्रशासन कर क्या रहा था। इसमें सबसे बड़ा दोषी प्रशासक है, भले ही एक रहे हों या पांच। नेता प्रतिपक्ष की मांग पर सहकारिता मंत्री ने कहा इस मामले में जितने भी अधिकारी दोषी रहे हैं, उनको सूचीबद्ध कर तुरंत सस्पेंड किया जाएगा। उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमे भी दर्ज करवाए जाएंगे।
विधायक ज्ञानचंद पारख ने विधानसभा में पाली के पॉलिटेक्निक कॉलेज में सीटें बढ़ाने का मामला भी उठाया। इसके जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री ने सीटें नहीं बढ़ाने की जानकारी दी।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने विधायक ज्ञानचंद पारख के सवाल के जवाब में कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज में इस साल क्षमता के अनुरूप प्रवेश नहीं होने के चलते अगले सत्र में सीटों की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। गत चार साल में पाली जिला मुख्यालय पर चल रही पॉलिटेक्निक कॉलेज में स्ववित्त पोषित योजनाके अंतर्गत इलेक्ट्रिकल में 60, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में 40 सीटें बढ़ाने की स्वीकृति दी जा चुकी है।
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग भी उठी
विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने राजस्थान विधानसभा में सर्वसम्मति बनाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाने की मांग रखी। साथ ही कहा कि सरकार गो हत्या रोकने के लिए कठोर कानून बनाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर गोशाला के लिए भूमि आवंटित होनी चाहिए। कृषि उपज मंडी समिति को होने वाली आय का दस फीसदी हिस्सा गोशालाओं के लिए आरक्षित किया जावे। इसके साथ ही गुजरात की तर्ज पर अनुदान बढ़ाकर गाय के लिए 50 रुपए और बछड़े के लिए 30 रुपए करने की भी मांग रखी। इसके पहले विधायक हनुमान बेनीवाल ने सरकार ने गोशालाओं का अनुदान चार साल से बंद कर रखा है, जिससे कई गोशालाएं बंद हो चुकी है और कई बंद होने के कगार पर हैं। विधायक जीवाराम ने कहा कि यह मसला किसी राजनीतिक दल का नहीं है। उनके इलाके में एशिया की सबसे बड़ी गोशाला (पथमेड़ा) है, लेकिन पर्याप्त अनुदान नहीं मिल रहा है। पिछली सरकार में मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे ने इस गोशाला को एक करोड़ रुपए दिए थे।
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