शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

बिजली जाए तो मांग लो हर्जाना

बिजली जाए तो मांग लो हर्जाना
भोपाल।अब आपको बिजली सुधार या अन्य कारणों से घंटों की कटौती से नहीं जूझना पड़ेगा। बिजली कंपनियों की मनमानी के खिलाफ मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली फीडर लाइन पर बिजली इंटरप्शन की संख्या व समय तय किया है। यानि सुधार या गड़बडियों के लिए महीने में केवल पांच घंटे ही बिजली बंद की जा सकेगी। इससे अधिक होने पर आप हर्जाना मांग सकेंगे।


आयोग ने वितरण अनुपालन के नए मापदंड जारी कर दिए हैं। इसका सबसे अधिक लाभ राजधानी को ही मिलेगा। यहां बिजली लाइन रखरखाव के नाम पर रोजाना करीब दो दर्जन से अधिक क्षेत्रों में आठ घंटे तक बिजली कटौती की जाती है। कुछ क्षेत्रों में तो माह में 50 से 60 घंटे तक बिजली बंद की जाती है। बीते एक माह की ही बात करें तो रोहित नगर, अशोका कॉलोनी, खनूजा इनक्लेव, मिसरोद, महावीर नगर, महिंद्रा सिटी, अशोका गार्डन, सलैया गांव, गुलियादाई का मोहल्ला, जुमेराती, शारदा नगर में जनवरी में आठ से दस बार रखरखाव के नाम बिजली बंद की गई।

तीस दिन में करें क्षतिपूर्ति का दावा


अब अगर अधिक बार बिजली बंद की जाती है तो आप कंपनी के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। आपको क्षतिपूर्ति व कंपनी को सजा मिलेगी। अवरोध के तीस दिन के भीतर उपभोक्ता आयोग क्षतिपूर्ति दावा कर सकता है। सामान्य फ्यूज ऑफ कॉल कार्य दिवस के चार व अकार्यदिवस के पांच घंटे में सुधार जरूरी है। इसमें देरी होती है तो आप सौ रूपए प्रतिदिन के अनुसार क्षतिपूर्ति के हकदार होंगे। लाइन टूटना, खंभा उखड़ने जैसी दिक्कत 12 घंटे में दूर करना जरूरी है। आयोग अध्यक्ष पीके चतुर्वेदी नियमों के अनुसार उपभोक्ताओं को यह क्षतिपूर्ति बिल में रिबेट के तौर पर मिलेगी।

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