बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

पंचायत के फरमान का शिकार हुआ एक और युगल, पति-पत्नी को भाई-बहन बनाया

सोनीपत. पंचायत के फरमान का एक और जोड़ा शिकार हो गया। रविवार को सात फेरे लेकर दोनों ने शादीशुदा जीवन शुरू ही किया था कि मंगलवार को उन्हें भाई-बहन बना दिया। वाकया गोहाना के जौली गांव का है।

पंचायत ने नवविवाहित जोड़े को अलग-अलग रहने का आदेश दिया। इसके बाद शादी टूट गई। शगुन में मिला सामान व रुपया-पैसा भी वापस कर दिया गया। दुल्हन अपने मायके चली गई।

जौली के गांव ख्याली राम के बेटे अनिल की शादी उम्मेदगढ़ में सब्रवाल गोत्र की लड़की के साथ रविवार को हुई थी। अनिल का गोत्र मेहरा है। इस लिहाज से सब ठीक था। लेकिन गांव में सब्रवाल गोत्र के लोग भी रहते हैं। उन्हें जब पता चला कि लड़की उनके गोत्र की है तो मामला बिगड़ गया।

रविवार को लड़की के पिता, चाचा, मामा व अन्य रिश्तेदारों को गांव में बुलाया गया। इसके बाद पंचायत हुई। पंचायत में लड़का व लड़की पक्ष के लोग, दोनों के गोत्र के प्रतिनिधियों के अलावा लाठ गांव के सरपंच जगबीर, जौली के सरपंच रतन सिंह, तपेदार हरिसिंह आदि भी मौजूद रहे। इसमें फैसला हुआ कि यह शादी गलत है।

इसलिए पति-पत्नी एक दूसरे को भाई बहन स्वीकार करें। साथ ही शादी को अमान्य करार दिया गया और सारा सामान वापस कर दिया गया। गौरतलब है कि तीन दिन पहले हिसार के बिठमड़ा गांव में ऐसी ही घटना हुई थी।

लड़का और लड़की जो भी मदद मांगेंगे, हम देंगे

पुलिस व अन्य अफसरों से बात कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। लड़का या लड़की पक्ष को जो मदद चाहिए वह दी जाएगी।

-पंकज अग्रवाल, उपायुक्त सोनीपत

भाईचारा कायम रखने के लिए ऐसा जरूरी था

गांव के गोत्र में शादी नहीं हो सकती। इससे भाईचारा बिगड़ता है। दोनों को भाई-बहन मानते हुए शादी रद्द कर दी गई।

-रतन सिंह, जौली गांव के सरपंच

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