फंदे पर झूलता मिला पुजारी का शव
नावां शहर। भीवड़ा नाडा मंदिर परिसर स्थित कोटड़ी में बीती रात एक पुजारी ने मौत को गले लगा लिया। एक श्रद्धालु ने रविवार सुबह पुजारी महेन्द्र गिरी का शव फंदे पर झूलता देखा। श्रद्धालुओं ने पुलिस के आने से पहले ही उनका शव फंदे से उतार दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने इस पर नाराजगी जाहिर की, हालांकि बाद में मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाकर शव श्रद्धालुओं के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने महेन्द्र गिरी की मौत संदिग्ध परिस्थिति में होना मानते हुए मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है। मंदिर सेवा समिति सदस्य नटवरलाल धूत व भींव सिंह सोलंकी ने बताया कि पुजारी महेन्द्र गिरी लम्बे समय से अस्वस्थ थे।
समाधी स्थल पर विवाद
पुजारी की मृत्यु के बाद श्रद्धालुओं ने उनकी बैकुण्ठी निकालकर मंदिर परिसर में ही समाधी दे दी। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल मंदिर स्वामित्व को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद है। एक पक्ष हनुमान मंदिर भीवड़ा नाड़ा नावां शहर ट्रस्ट से जबकि दूसरा बालाजी मंदिर ट्रस्ट से जुड़ा है। दोनों पक्षों के बीच देवस्थान विभाग में प्रकरण विचाराधीन है। हनुमान मंदिर से जुड़े ओमप्रकाश मिश्रा के अनुसार मंदिर उनके परिवार की खातेदारी जमीन पर स्थित है। उन्होंने मंदिर के पुजारी होने का भी दावा किया। मिश्रा की मानें तो उनकी निजी खातेदारी जमीन पर महेन्द्र गिरी की समाधी दी गई है।
उन्होंने इसका विरोध करते हुए पुलिस को लिखित शिकायत भी सौंपी, लेकिन पुलिस ने स्वीकार करने से मना कर दिया। वहीं जांच अधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि भीवड़ा नाडा मंदिर में पुजारी के फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने तक श्रद्धालुओं ने शव को नीचे उतार दिया। पंचनामा तैयार करने के बाद पोस्टमार्टम करवाकर मामला दर्ज कर लिया। आत्महत्या के कारणों की जांच की जाएगी।
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