रविवार, 24 फ़रवरी 2013

पढऩा है, पैरों पर खड़ा होना है इसलिए बचपन का ब्याह निरस्त कराने कोर्ट पहुंच गई दो बहनें


पढऩा है, पैरों पर खड़ा होना है इसलिए बचपन का ब्याह निरस्त कराने कोर्ट पहुंच गई दो बहनें 

लड़के वालों ने गौने का दबाव डाला तो उन्हें पता चला कि वे विवाहित हैं 

जोधपुर



तरुणा और उसकी छोटी बहन भारती ने अपना बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए सारथी ट्रस्ट के माध्यम से फैमिली कोर्ट में बाल विवाह अधिनियम-2006 के तहत शनिवार को याचिका दायर की है। इन दोनों को सुनवाई के लिए सोमवार को जज के समक्ष पेश किया जाएगा।

चांदणा भाकर की करणी कॉलोनी निवासी 18 वर्षीया तरुणा का बाल विवाह वर्ष 2002 में राजीव गांधी कॉलोनी निवासी फूलचंद उर्फ सतपाल के साथ मौसर के दौरान किया गया। इसके साथ ही उसकी छोटी बहन भारती की भी फूलचंद के रिश्ते के भाई परमेश्वर के साथ छह साल की उम्र में शादी कर दी गई। तरुणा और भारती को अपने बाल विवाह की बात दो साल पहले उस समय मालूम हुई जब लड़के वालों ने गौने के लिए दबाव डालना शुरू किया। वहीं भोपालगढ़ के रहने वाले बीस साल के सुखदेव खदाव ने भी बाल विवाह अधिनियम के तहत निरमा से हुई अपनी शादी को निरस्त करने के लिए अपील पेश की है।

अपने पैरों पर होना है खड़ा
आरके चिल्ड्रन स्कूल में बारहवीं कक्षा में पढऩे वाली तरुणा पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं। उसे तो याद भी नहीं कब और किसके साथ उसके सात फेरे हुए और वह बचपन में ही किसी की ब्याहता बन गईं। वहीं ग्यारहवीं कक्षा में पढऩे वाली भारती भी आगे पढ़ लिखकर अपना भविष्य संवारना चाहती हैं।

माता पिता की गैरमौजूदगी में हुआ बाल विवाह 

मौसर के दौरान जब तरुणा और भारती का बाल विवाह किया गया उस समय उसकी मां शारदा ओड़ और पिता सत्यनारायण ओड़ हरिद्वार गए हुए थे। दोनों की अनुपस्थिति में समाज के कुछ लोग और परिवार के बड़े बुजर्गों ने इन दोनों बच्चियों का विवाह फूलचंद और परमेश्वर के साथ करवा दिया। इनकी मां शारदा बताती हैं कि फूलचंद कभी स्कूल नहीं गया और अब मजदूरी करके मुश्किल से खुद का गुजारा कर पाता है। वहीं परमेश्वर की तो उन्होंने अभी तक सूरत ही देखी है। ऐसे में वह अपनी बेटी उन्हें कैसे सौंप दें। 

दोनों की सहमति से होगा विवाह निरस्त 

सारथी ट्रस्ट की पुनर्वास मनोवैज्ञानिक कृति भारती का कहना है कि तरुणा और भारती के माता पिता इनका बाल विवाह निरस्त करवाना चाहते हैं, लेकिन हमारे सामने अभी तक एक ही पक्ष आया है। रविवार को दोनों पक्ष की काउंसलिंग की जाएगी। दोनों पक्षों की सहमति के बाद ये बाल विवाह को निरस्त करवाए जाएंगे। 

 

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