जांच अधिकारी का शव कब्र से निकाला
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की कथित संलिप्तता वाले भ्रष्टचार के मामले से सम्बंधित जांच अधिकारी का शव जांच के लिए कब्र से निकाल लिया गया है। पिछले महीने उनका शव पंखे से झूलता पाया गया था। जांच अधिकारी कामरान फैसल राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के सहायक निदेशक थे। वह अशरफ की संलिप्ता वाले मामले की जांच में सहयोग दे रहे थे।
प्रधानमंत्री अशरफ पर आरोप है कि जब वह जल एवं विद्युत मंत्री थे, उस दौरान उन्होंने विद्युत संयंत्रों के निर्माण को मंजूरी देने के लिए रिश्वत ली थी। भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान फैसल भारी दबाव में थे और उन्होंने अनुरोध किया था कि इस जांच से उन्हें अलग रखा जाए। फैसल की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया था कि उनके शरीर पर यातना के निशान थे। उनका यह भी कहना है कि फैसल को अज्ञात लोग फोन पर बार-बार धमका रहे थे।
समाचार पत्र "डॉन" की खबर के मुताबिक, शनिवार को मियां चन्नू इलाके में स्थित फैसल की कब्र को खोदकर शव को बाहर निकाला गया। पंजाब फोरेंसिक साइंस एजेंसी की चार सदस्यीय टीम ने फैसल के शव से नमूने एकत्र किए। फोंरेंसिक टीम लाहौर में यह निर्धारित करने के लिए नमूनों का विश्लेषण करेगी कि फैसल ने खुदकुशी की थी या उनकी हत्या की गई।
फैसल की संदिग्ध हालात में हुई मौत के सिलसिले में पिछले दिनों हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इस्लामाबाद स्थित एक मकान में 18 जनवरी को उनका शव पंखे से झूलता मिला था। एनएबी के आंतरिक सूत्रों ने पिछले दिनों जियो न्यूज को बताया था कि उन्होंने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि वरिष्ठ अधिकारियों ने फैसल से जांच रिपोर्ट बदलने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें "मानसिक यंत्रणा" दी गई थी।
हत्या का मामला एनएबी के अतिरिक्त निदेशक (समन्वय) नोमान अस्लाम की शिकायत पर दर्ज किया गया। अस्लाम ने कहा कि उन्होंने यह मामला लोगों के बीच फैली इस अफवाह और संदेहों के आधार पर दर्ज कराया कि फैसल की हत्या की गई है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की कथित संलिप्तता वाले भ्रष्टचार के मामले से सम्बंधित जांच अधिकारी का शव जांच के लिए कब्र से निकाल लिया गया है। पिछले महीने उनका शव पंखे से झूलता पाया गया था। जांच अधिकारी कामरान फैसल राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के सहायक निदेशक थे। वह अशरफ की संलिप्ता वाले मामले की जांच में सहयोग दे रहे थे।
प्रधानमंत्री अशरफ पर आरोप है कि जब वह जल एवं विद्युत मंत्री थे, उस दौरान उन्होंने विद्युत संयंत्रों के निर्माण को मंजूरी देने के लिए रिश्वत ली थी। भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान फैसल भारी दबाव में थे और उन्होंने अनुरोध किया था कि इस जांच से उन्हें अलग रखा जाए। फैसल की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया था कि उनके शरीर पर यातना के निशान थे। उनका यह भी कहना है कि फैसल को अज्ञात लोग फोन पर बार-बार धमका रहे थे।
समाचार पत्र "डॉन" की खबर के मुताबिक, शनिवार को मियां चन्नू इलाके में स्थित फैसल की कब्र को खोदकर शव को बाहर निकाला गया। पंजाब फोरेंसिक साइंस एजेंसी की चार सदस्यीय टीम ने फैसल के शव से नमूने एकत्र किए। फोंरेंसिक टीम लाहौर में यह निर्धारित करने के लिए नमूनों का विश्लेषण करेगी कि फैसल ने खुदकुशी की थी या उनकी हत्या की गई।
फैसल की संदिग्ध हालात में हुई मौत के सिलसिले में पिछले दिनों हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इस्लामाबाद स्थित एक मकान में 18 जनवरी को उनका शव पंखे से झूलता मिला था। एनएबी के आंतरिक सूत्रों ने पिछले दिनों जियो न्यूज को बताया था कि उन्होंने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि वरिष्ठ अधिकारियों ने फैसल से जांच रिपोर्ट बदलने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें "मानसिक यंत्रणा" दी गई थी।
हत्या का मामला एनएबी के अतिरिक्त निदेशक (समन्वय) नोमान अस्लाम की शिकायत पर दर्ज किया गया। अस्लाम ने कहा कि उन्होंने यह मामला लोगों के बीच फैली इस अफवाह और संदेहों के आधार पर दर्ज कराया कि फैसल की हत्या की गई है।
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