रविवार, 6 जनवरी 2013

आईएएस अफसर ने मांगी रिश्वत में महिला

आईएएस अफसर ने मांगी रिश्वत में महिला

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने शनिवार को आरोप लगाया है कि आईएएस अफसर आशीष उपाध्याय ने रिश्वत में पांच लाख रूपए और महिला उपलब्ध कराने की मांग की थी। यह मांग उन्होंने गुना जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग के संयोजक एलआर मीणा से पिछले साल 5 जनवरी को की थी।

अग्रवाल ने 25 अक्टूबर 2012 को अवर सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग कमला अजीतवार के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आदेश में कहा गया है कि एलआर मीणा ने विभाग को दिए लिखित कथन में कहा कि आयुक्त आदिवासी विकास आशीष उपाध्याय ने 5 जनवरी 2012 को शिवपुरी में उनसे पांच लाख रूपए और महिला उपलब्ध कराने की मांग की थी, जिसकी पूर्ति नहीं होने पर उनके द्वारा मीणा का स्थानांतरण और निलंबन करवाया गया। झूठी शिकायत बनाकर जाति प्रमाण-पत्र की जांच करवाई गई।

कांग्रेस ने आदेश की प्रति भी मीडिया को दी। इस मामले में अग्रवाल ने कहा कि इतना संगीन आरोप लगने के बाद भी सरकार ने उपाध्याय की जांच नहीं करवाई, जबकि ऎसे मामलों में अधिकारियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी। उधर, आशीष उपाध्याय ने कहा कि एलआर मीणा के खिलाफ चार जांचें विभाग में चल रही हैं। मीणा के जाति पमाण पत्र की भी जांच लंबित है। इन जांचों के चलते ही उन्होंने निराधार आरोप लगाए हैं।

उपाध्याय ने लिखा सीएस को पत्र
आशीष उपाध्याय ने अपनी सफाई में सीएस को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मीणा द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। उपाध्याय ने पत्र में लिखा है कि मीणा की हर पदस्थापना के दौरान मुख्यालय को उनकी अनियमितताओं और कदाचरण की शिकायतें मिलती रही हैं। अनुसूचित जनजाति विकास निगम ने सिर्फ मीणा के कथनों के आधार पर एक पक्षीय आदेश जारी किया है।

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