रविवार, 27 जनवरी 2013

अठारह शिक्षकों के खिलाफ मामला

अठारह शिक्षकों के खिलाफ मामला

बाड़मेर। फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर तृतीय श्रेणी शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले 18 शिक्षको के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा ने कोतवाली पुलिस को परिवाद भिजवाया है। ये शिक्षक 1999 में जिले की विभिन्न पंचायत समितियों मे नियुक्त हुए थे।

जिला परिषद ने 1998 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की थी। इसमें वरीयता के आधार पर चयन हुआ। वरीयता में जिले के निवासियों व ग्रामीण क्षेत्र के लिए बोनस का प्रावधान था। इसे कई आशार्थियों ने उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

उच्चतम न्यायालय ने 30 जुलाई 2012 को निर्णय पारित करते हुए बोनस अंकों को अनुचित ठहराया। साथ ही 18 नवंबर 1999 के पpात बोनस अंक हटा नई वरीयता सूची जारी करने के निर्देश दिए। इसमें मूल पक्षकार याचिकाकत्ताüओं को नियुक्ति देने के निर्देश दिए थे। इस दौरान अठारह शिक्षकों ने कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए खुद को मूल पक्षकार बता नौकरी हासिल कर ली। 23 अप्रेल 2005 को एक शिकायत पर विभागीय स्तर पर इसकी जांच प्रारंभ हुई।

विभाग ने इन शिक्षकों को नोटिस जारी किए तो उन्होंने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया। 21 सितंबर 2012 को उच्च न्यायालय ने याचिकाएं खारिज कर दी। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई प्रारंभ करते हुए 1 नवंबर 2012 को अठारह शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी। उच्च न्यायालय की डबल बैच में लगी याचिका भी खारिज हो गई। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने सभी 18 शिक्षकों के खिलाफ परिवाद भिजवाया है।

ये हैं शिक्षक
उमेशचंद्र प्राथमिक विद्यालय भूताणियों की ढाणी चौहटन, राजवीरसिंह वेरनाडी सिवाना, अरूणसिंह इब्रे का तला चौहटन, लक्ष्मीनारायण सिणधरी, रविन्द्रसिंह मिठडिया कुआ बाड़मेर, नगेन्द्रसिंह खेराज का तला चौहटन, धर्मपालसिंह हदाणियों की ढाणी बायतु, होतीसिंह खारियापाना सिणधरी, भूपेन्द्रसिंह शहदाद का पार शिव, चंदनसिंह रामसरिया बायतु, मुकेशकुमार बांकियावास बालोतरा, विश्वंभरदयाल गुलन की नाडी धोरीमन्ना, लोकेन्द्रकुमार कापराउ चौहटन, कृष्णकुमार कुन्दनपुरा चौहटन, कृष्णपालसिंह चावड़ा शिव हाल बेढ़म भरतपुर, झमनलाल गुप्ता पनल की बेरी धोरीमन्ना, दानवीर शर्मा कमरूद्दीन की ढाणी बालोतरा हाल नदबई भरतपुर एवं भगवानदास इब्रे का तला चौहटन के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं।

परिवाद भिजवाया
मूल पक्षकार नहीं होते हुए भी फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर नौकरी करने वाले 18 शिक्षकों के खिलाफ परिवाद भिजवाया है। इनकी सेवाएं पहले ही समाप्त कर चुके है। - पृथ्वीराज दवे, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा

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