शनिवार, 26 जनवरी 2013

फूड पॉइजनिंग से 12 कुरजां ने तोड़ा दम

फूड पॉइजनिंग से 12 कुरजां ने तोड़ा दम

फलोदी। शीतकालीन प्रवास के लिए देश-विदेश की हजारों किलोमीटर की सीमाएं लांघकर खीचन गांव आए मेहमान पक्षी कुरजां की फूड पॉइजनिंग से मौत के जख्म भरे ही नहीं कि इस गांव में गुरूवार को फूड पॉइजनिंग की एक और वारदात हो गई। इनमें से एकसाथ 12 कुरजां ने दम तोड़ दिया। कुरजां की जान पर बार-बार आ रही आफत से यह मेहमान परिन्दे यहां से अलविदा होते देर नहीं लगेगी।

कुरजां संरक्षण में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता सेवाराम माली व रामेश्वर उपाध्याय ने बताया कि गुरूवार सुबह गांव के विजयसागर तालाब के आस-पास विभिन्न जगहों पर 9 कुरजां मृत हालत में तथा 3 कुरजां बीमार पाई गई। इन सभी कुरजां के मुंह में झाग आए हुए थे।

उन्होनें सभी कुरजां को एक जगह एकत्रित करके वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। वनपाल केके व्यास कर्मचारियों की टीम के साथ मौके पर पहंुचे तथा हालात की जानकारी ली तथा बीमार कुरजां को प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें फलोदी स्थित रेस्क्यू सेंटर ले आए। जहां तीनों बीमार कुरजां भी दम तोड़ दिया। पशु चिकित्सक ने कुरजां की मौत का करण प्रथम दृष्टया फूड पॉइजनिंग माना है। गांव में गुरूवार बिजली के करंट से भी एक अन्य कुरजां की मौत हो गई है।

एक पखवाडे में दूसरी घटना
शीतकालीन प्रवास पर खीचन गांव आने वाले मेहमान पक्षी कुरजां के साथ हर साल ऎसे हादसे होते रहते है। खीचन में गत 9 जनवरी को भी फूड पॉइजनिंग से पांच कुरजां की मौत हो गई थी। इससे पूर्व गत वर्ष फरवरी 2012 मेें बिजली के करंट से दो दर्जन कुरजां की मौत होने व इससे पूर्व में फूड पॉइजनिंग से आधा दर्जन कुरजां काल कवलित होने की घटनाएं हो चुकी है।

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