चीन सागर में जा सकती है नौसेना
नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर में बढ़ती चीनी धौंस के मद्देनजर नौसेना प्रमुख एडमिरल डी के जोशी ने सोमवार को साफ कहा कि भारतीय हितों की रखवाली के लिए जरूरत पड़ी तो नौसेना वहां जाने को तैयार है और इसके लिए वह अभ्यास भी कर रही है।
एडमिरल जोशी ने नौसेना दिवस के एक दिन पहले अपने सालाना संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय कंपनी "ओएनजीसी विदेश" वियतनाम के जल क्षेत्र में तेल दोहन के काम में जुटी है और यदि तेल खंडों को सुरक्षा देने की जरूरत पड़ी तो नौसेना वहां जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो नौसेना वहां जा सकती है। यदि आप मुझ से पूछें कि क्या हम इसकी तैयारी कर रहे हैं तो मेरा संक्षिप्त जवाब "हां" है।
दक्षिण चीन सागर को लेकर भारत और चीन के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। यह विवाद तेल की खोज को लेकर है। चीन दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बता रहा है। वियतनाम चीन के इस दावे को खारिज कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में भारतीय तेल कंपनी ओएनजीसी विदेश तेल की खोज कर रही है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि ओएनजीसी विदेश के चार ब्लॉक्स हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम इनकी सुरक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की सार्वभौम संपदा की सुरक्षा करना नौसेना का कर्तव्य है। हमारे लिए दो प्रमुख चिंताए हैं। पहली इंटरनल वॉटर्स में नेविगेशन की फ्रीडम और हमारी आंतरिक संपदा की सुरक्षा। चीनी मीडिया ने हाल ही में घोषणा की थी कि दक्षिण हैनन प्रांत ने उस कानून को मंजूरी दे दी थी जिसके तहत पुलिस को दक्षिण चीन सागर से गुजरने वाले जहाजों की तलाशी का अधिकार मिल गया है। भारत,ताईवान,फिलीपींस और वियतनाम ने हाल ही में नए चीनी पासपोर्ट पर दिए गए उस नक्शे पर विरोध जताया था जिसमें विवादित क्षेत्र को चीन का हिस्सा बताया गया था।
नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर में बढ़ती चीनी धौंस के मद्देनजर नौसेना प्रमुख एडमिरल डी के जोशी ने सोमवार को साफ कहा कि भारतीय हितों की रखवाली के लिए जरूरत पड़ी तो नौसेना वहां जाने को तैयार है और इसके लिए वह अभ्यास भी कर रही है।
एडमिरल जोशी ने नौसेना दिवस के एक दिन पहले अपने सालाना संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय कंपनी "ओएनजीसी विदेश" वियतनाम के जल क्षेत्र में तेल दोहन के काम में जुटी है और यदि तेल खंडों को सुरक्षा देने की जरूरत पड़ी तो नौसेना वहां जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो नौसेना वहां जा सकती है। यदि आप मुझ से पूछें कि क्या हम इसकी तैयारी कर रहे हैं तो मेरा संक्षिप्त जवाब "हां" है।
दक्षिण चीन सागर को लेकर भारत और चीन के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। यह विवाद तेल की खोज को लेकर है। चीन दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बता रहा है। वियतनाम चीन के इस दावे को खारिज कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में भारतीय तेल कंपनी ओएनजीसी विदेश तेल की खोज कर रही है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि ओएनजीसी विदेश के चार ब्लॉक्स हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम इनकी सुरक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की सार्वभौम संपदा की सुरक्षा करना नौसेना का कर्तव्य है। हमारे लिए दो प्रमुख चिंताए हैं। पहली इंटरनल वॉटर्स में नेविगेशन की फ्रीडम और हमारी आंतरिक संपदा की सुरक्षा। चीनी मीडिया ने हाल ही में घोषणा की थी कि दक्षिण हैनन प्रांत ने उस कानून को मंजूरी दे दी थी जिसके तहत पुलिस को दक्षिण चीन सागर से गुजरने वाले जहाजों की तलाशी का अधिकार मिल गया है। भारत,ताईवान,फिलीपींस और वियतनाम ने हाल ही में नए चीनी पासपोर्ट पर दिए गए उस नक्शे पर विरोध जताया था जिसमें विवादित क्षेत्र को चीन का हिस्सा बताया गया था।
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