बुधवार, 12 दिसंबर 2012

रंगकर्मी विजय बल्लाणी ने दी मलयालम फिल्म जगत में दस्तक


एम. जयराज के निर्देशन में बन रही है फिल्म
रंगकर्मी विजय बल्लाणी ने दी मलयालम फिल्म जगत में दस्तक
केरल में राजस्थानी की सौंधी गंध महकाएगी यह फिल्म
      
 जैसलमेर, 12 दिसम्बर/स्वर्ण नगरी में कला-संस्कृतिपर्यटनसाहित्य और लोक विधाओं के जाने-माने हस्ताक्षर विजय बल्लाणी ने मलयालम फिल्म जगत में किरदार निभा कर राजस्थान को गौरवान्वित किया है। मलयालम फिल्म में कदम रखने वाले बल्लाणी मरु भूमि के पहले रंगकर्मी हैं।
      छह शहरों में शूटिंग की धूम रही
       मलयालम फिल्मों के सशक्त हस्ताक्षर एम. जयराज ने  हाल ही राजस्थान के विभिन्न विलक्षण स्थलों पर अपनी फिल्म ब्राईड’ की शूटिंग की। इस दौरान पुष्करजोधपुर,खेजड़लाचांदेलावबीकानेर आदि शहरों के साथ-साथ स्वर्णनगरी जैसलमेर में भी इस फिल्म की शूटिंग की गई। खास बात यह है किइस फिल्म में स्वर्णनगरी के कला और साहित्य की विविध विधाओं में दखल रखने वाले रंगकर्मी विजय बल्लाणी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
      देश के मशहूर फिल्म निर्देशक जयराज के साथ काम का मौका
       सन् 1990 में बतौर निर्देशक अपना कैरियर शुरू करने वाले जयराज को 5 बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है और इसके साथ ही वे स्पेनब्रिटेन और फ्रांस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में भी अपनी फिल्मों के लिए सम्मानित हो चुके हैं।
       अब तक 35 फिल्मों का सफल निर्देशन कर चुके जयराम नैसर्गिक रमणीयता और विलक्षण भौगोलिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से परिपूर्ण राजस्थान की विविध छटाओं वाली लोकेशंस से अभिभूत हैं।
      ठाकुर साहब का किरदार निभा रहे हैं बल्लाणी
       न्यू जनरेशन सिनेमा के बैनर तले बन रही इस फिल्म में रंगकर्मी विजय बल्लाणी ने नायक के पिता ठाकुर साहब’ की भूमिका अदा की है। फिल्म के लेखक थॉमस ने बताया कि ठाकुर साहब के बेटे को पुष्कर मेले में केरल की लड़की से प्यार हो जाता है जबकि ठाकुर ने उसकी सगाई बचपन में ही तय कर रखी है। पिता-पुत्र के बीच द्वंद्व के बाद प्यार की जीत होती है और ठाकुर साहब शादी के लिए मान जाते हैं। यह फिल्म सामाजिक व्यवस्था में सुखद बदलाव की कहानी कहती है।
       रेजीमन व जयराज द्वारा निर्मित इस फिल्म में कैमरे के दृश्य सुरेश राजन नेमेकअप राजीव नेआर्ट बसंत नेकॉस्ट्यूम में अजीजसह निर्देशन मधु और कैमरे में सहयोग अभिलाष ने किया है। इस फिल्म के जरिये मलयालम फिल्मों में खतरनाक विलेन की भूमिकाओं के लिए याद रखे जाने वाले कमल गौड़ स्वदेश लौटने पर 18 वर्ष बाद वापसी कर रहे हैं।
       फिल्म में नायक अरुणनायिका पंकजा के साथ नेहाअंजलिविष्णुहाशिमप्रिया और बाबूराव ने इस फिल्म के जरिये मलयालम फिल्म जगत में कदम रखा है। वहीं सबीता जयराजजॉलीहास्य अभिनेता बीनू और धरमांजन ने अहम भूमिका निभाई है।
       अद्भुत व्यक्तित्व ने जीता जयराज का दिल
       स्थानीय रंगकर्मी विजय बल्लाणी ने बताया कि जयराज सर के निर्देशन में काम करने का अच्छा अनुभव रहा। बल्लाणी की दो पाटों में विभक्त दाढ़ीकद-काठी और अभिनय क्षमता ने निर्देशक एम. जयराज का दिल जीत लिया।
       इसी आधार पर उन्हें इस फिल्म में ठाकुर साहब की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिला। एम. जयराज राजस्थानी लोगों के व्यवहार के कायल हो गए और उन्हें जैसलमेर बेहद पसंद आया।
      केरल में राजस्थानी लोक संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
       उन्हाेंने बताया कि इस फिल्म से राजस्थान के पर्यटन को केरल में बढ़ावा मिलेगा। प्रोडक्शन कंट्रोलर मनोजकमलाक्षशेखर व सुराज ने बताया कि 40 लोगों की यूनिट के साथ करीब 22 दिन राजस्थान के विभिन्न शहरों व गांवों में शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों ने हमें अच्छा सहयोग दिया।

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