गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

लोक मंगल का इतिहास रच रही हैं राज की योजनाएँ


लोक मंगल का इतिहास रच रही हैं
राज की योजनाएँ
डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
       आम आदमी और परिवेश से जुड़े तमाम आयामों को और अधिक सुकूनदायी बनाने के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर राजस्थान सरकार ने अपनी ओर से जो ठोस पहल की है उसकी वजह से पूरे प्रदेश में लोक मंगल का सुनहरा दृश्य दिखने लगा है।
       ख़ासकर सामाजिक सरोकारों के समर्पित निर्वहन की दृष्टि से प्रदेश सरकार ने हाल के चार वर्ष में जिन योजनाओं और कार्यक्रमों का सूत्रपात किया है वे लोकजीवन में नई चेतना लाकर खुशहाली का संगीत सुनाने लगे हैं।  हर जरूरतमंद की पीड़ाओं और जरूरतों को ध्यान में रखकर सरकार ने जो काम किए हैं उनकी बदौलत आम जन की अपनी सरकार के प्रति लोक समुदाय का विश्वास बढ़ा है।
       हर वर्ग के लोगों के कल्याण को साकार करने वाली इन गतिविधियों का परिवेश में अच्छा प्रभाव सामने आने के साथ ही आम जन को जीवन निर्वाह का दिली सुकून भी मिला है। जैसलमेर जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और इससे जुडे़ तमाम विभागोंसंस्थाओं व एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से यह सरहदी जिला लोक सरोकारों व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अग्रणी पहचान बना रहा है।
       सामाजिक सरोकारों ने पाया मूर्त रूप
      राज्य सरकार के चार वषार्ें के कार्यकाल में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अनुसूचित जातिजनजाति के साथ ही अन्य गरीब परिवारों को सहायता उपलब्ध करवा कर उन्हें सम्बल प्रदान किया गया।
      जिले में आलोच्य अवधि में अनुसूचित जाति छात्रावासों में 143.24 लाख रुपये व्यय किए जाकर 1 हजार 580 अनुसूचित जाति विद्यार्थियों को छात्रावासीय सुविधाओं का निःशुल्क लाभ प्रदान किया गया। वहीं अनुसूचित जनजाति छात्रावासों में 24.38 लाख रुपये व्यय कर 260 जनजाति विद्यार्थियों को सुविधाएँ सुलभ करायी गयी। अनुदानित छात्रावासों मेंलाख हजार रुपये व्यय कर 100 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया।
      बही धाराएँ लोक कल्याण की
      पालनहार योजनान्तर्गत जिले में 1 हजार 564 पात्र बच्चों को लाभान्वित किया गया एवं उन्हें 108.60 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई।
      सहयोग योजना में विभाग द्वारा जिले में 738 बीपीएल परिवारों की पुत्रियों के विवाह के लिए 74 लाख 50 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार गरीब परिवार की विधवाओं की 79 पुत्रियों के विवाह के लिये 7 लाख 90 हजार रुपये की अनुदान सहायता उपलब्ध कराई गई है।
      विकलांगों के विवाह के लिए अनुदान की योजना के तहत चार साल में 46 निःशक्तजनों को विवाह के लिए 11 लाख 70 हजार रुपए की अनुदान सहायता राशि उपलब्ध कराई गई। जबकि विश्वास योजना के अन्तर्गत जिले में आलोच्य अवधि में 152 निःशक्तजनों को स्वयं का रोजगार संचालन करने के लिये 37 लाख 18 रुपये की अनुदान राशि उपलब्ध करायी गई।
      अत्याचार पीड़ितों को आर्थिक सहायता
      जिले में आलोच्य अवधि में 59 अनुसूचित जाति एवं 20 अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को अत्याचार के मामलों में 13 लाख 36 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करायी गयी।
      छात्रवृत्तियों ने दिया सम्बल
      इस योजनान्तर्गत जिले में चार साल की अवधि में 309 अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को 55 लाख 9 हजार रुपए, 77 अनुसूचित जन जाति के विद्यार्थियों को 14 लाख 82हजार रुपए तथा 209 अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को 35 लाख 16 हजार रुपए की सहायता राशि का भुगतान किया गया। जिले में 105 निःशक्तजनों को लाख 94 हजार रुपये की विकलांग छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया गया। जिले में इस अवधि में अनुप्रति योजना में 28 व्यक्तियों को लाख 18 हजार रुपये की प्रोत्साहन सहायता राशि प्रदान कर लाभान्वित किया गया।

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