स्वागत...वंदन...अभिनंदन.... नव वर्ष तुम्हारा
नवप्रभात के नव संकल्पों से, आओ मन को ताजा कर लें।
कुछ तुम चल लो, कुछ हम बढ़ लें, नई डगर को साझा कर लें॥
बीती बातें, रीती रातें भुल-भुलाकर आगे चल लें
नवजीवन की रश्मियों का आओ अवगाहन कर लें।
जो छूटा सो छूट गया, पाने भर की बात करें
नव पल्लव नव सुरताल पाकर जीवन में खुशियाँ भर लें।
- डॉ. दीपक आचार्य, 9413306077
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