अजमेर जिले की विजय नगर थाना पुलिस ने एक युवक को शांति भंग के आरोप में पकड़ा और उसे नंगा कर सारी रात हवालात में बंद रखा.
पुलिस का डंडा चलता है तो पीड़ित भी मुजरिम बन जाता है. ऐसा ही कुछ कारनामा अजमेर जिले की विजय नगर थाना पुलिस ने कर डाला. पुलिस ने एक युवक को शांति भंग के आरोप में पकड़ा और उसे नंगा कर सारी रात हवालात में बंद रखा.
युवक का कसूर सिर्फ इतना था कि वह एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था. हद तो तब हो गई जब पीड़ित की शिकायत पर आला पुलिस अफसरों ने भी अपने मातहतों का पक्ष लिया.
मामले की राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने आईजी अजमेर से जांच कराई तो पता चला कि पुलिस के कहने पर पीड़ित राजीनामे के लिए तैयार नहीं हो रहा था. इसके बाद एसएचआरसी के निर्देश पर गृह विभाग ने विजय नगर थाने के पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
एसएचआरसी ने अजमेर निवासी पीड़ित इंदर धनवानी को 50 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने के आदेश दिए हैं. आयोग ने विजय नगर थानाधिकारी गंगाराम विश्नोई और सिपाही कैलाशचंद पर विभागीय कार्रवाई करने के लिए गृह विभाग को लिखा है.
यह भी कहा है कि मुआवजे की राशि दोषी पुलिसकर्मियों से वसूली जाए. साथ ही आयोग ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराने व अजमेर के तत्कालीन एसपी को चेतावनी देने के निर्देश भी दिए हैं.
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