बुधवार, 19 दिसंबर 2012

जुड़वां बच्चों को अकेला देखा तो भीड़ हो गई सतर्क


जुड़वां बच्चों को अकेला देखा तो भीड़ हो गई सतर्क

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मेड़ता रोड भोपाल जोधपुर ट्रेन में यात्रा कर रही नोखा मंडी की एक महिला मंगलवार दोपहर को अपने दो जुड़वां बच्चों को ट्रेन में लेटाकर दूसरे दो बच्चों को ढूंढऩे गई तो यात्रियों ने ट्रेन में जुड़वा नवजात शिशुओं को लावारिस समझ कर हंगामा कर दिया। कुछ देर में महिला मिल गई। बाद में वह अपने चारों बच्चों के साथ रवाना हुई।

घटना मेड़ता रोड रेलवे स्टेशन पर शाम चार बजे की है। भोपाल से जोधपुर जाने वाली ट्रेन ज्यों ही प्लेटफार्म संख्या दो पर आकर खड़ी हुई तो एक महिला यात्री अपने दो मासूम बच्चों को डिब्बे में लिटाकर दूसरे दो बच्चों को अन्य डिब्बों में ढूंढऩे चली गई। पता चला कि उसके दो बच्चे इसी ट्रेन में घूमते हुए अन्य डिब्बों की तरफ निकल गए थे। इस बीच ट्रेन में बैठे यात्रियों ने समझ लिया कि महिला अपने नवजात बच्चों को छोड़कर जा रही है। लोगों ने महिला को रोका। महिला ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। वह दो बड़े बच्चों को ढूंढऩे जा रही है। तब जाकर मामला शांत हुआ। उधर सूचना पर आरपीएफ के एएसआई रामकरण, हैडकांस्टेबल श्रीलाल मीणा, बल कर्मी श्रीमती मैना चौधरी मौके पर पहुंचे। महिला से पूछताछ की तो बताया कि वह अपने अन्य दो बालकों को तलाश करने आगे दूसरे डिब्बों की तरफ गई थी। बच्चों की हालत देखकर मौके पर खड़े लोगों ने आर्थिक सहयोग कर बच्चों को गर्म कपड़े, खाना आदि की व्यवस्था भी की। बाद में इस महिला को जोधपुर-अबोहर ट्रेन में बैठाकर नोखा के लिए रवाना किया गया।

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