सोमवार, 31 दिसंबर 2012
सबके मन में सवाल- यूथ यहां है, राहुल गांधी कहां हैं?
नई दिल्ली।। दिल्ली में मेडिकल की स्टूडेंट से गैंग रेप और बाद में उसकी मौत के विरोध में पूरे देश में उग्र प्रदर्शन हुए, लेकिन इस दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की मौजूदगी तक देखने को नहीं मिली। हर कोई हैरान था कि खुद को 'यूथ आइकॉन' के रूप में प्रॉजेक्ट करने वाले राहुल गांधी कहां हैं। युवाओं में राहुल गांधी को लेकर जबर्दस्त नाराजगी है। आंदोलन के दौरान लोग नारे भी लगा रहे थे, देश का युवा यहां है , राहुल गांधी कहां है ? अहम मसलों पर राहुल की गैरमौजूदगी को लेकर सियासी गलियारे के बाद समाजशास्त्री भी सवाल उठाने लगे हैं।
शनिवार को राहुल गांधी के ऑफिस ने एक स्टेटमेंट जारी कर दुष्कर्म की शिकार लड़की की मौत पर शोक जताया। पिछले सप्ताह कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के साथ विरोध-प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों की बैठक में वह भी थे। हालांकि, इसे छोड़कर गांधी परिवार के इस उत्तराधिकारी की तरफ से इस मसले को लेकर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है। 2014 चुनावों में कांग्रेस के कैंपेन का दारोमदार उनके कंधों पर रहने की काफी उम्मीद है।मामले से जुड़े कई लोगों ने कहा कि राहुल गांधी विदेश में थे। सिक्योरिटी मसलों को लेकर न तो उनके ऑफिस का कोई व्यक्ति और न ही कांग्रेस का कोई नेता उनकी लोकेशंस के बारे में इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत करने को तैयार था। एक रीजनल पार्टी के सीनियर नेता ने कहा कि गांधी की प्रॉब्लम की वजह यह है कि उनमें राजनीतिक कौशल का अभाव है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली गैंग रेप की घटना का विरोध करने वालों में ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट्स और यंग थे। अक्सर यूथ आइकॉन कहे जाने वाले गांधी लीडरशिप दिखाने के लिए इस मौके का इस्तेमाल कर सकते थे।'
समाजशास्त्री दीपांकर गुप्ता ने कहा, 'राहुल गांधी ने मौका खो दिया। इंडिया के प्रेजिडेंट, सोनिया गांधी और प्राइम मिनिस्टर के मामले में भी ऐसा ही है। उन्होंने खुद को सुरक्षा घेरे में बनाए रखा। सरकार ने गैर-पार्टी आंदोलनों को लेकर बार-बार अकड़ और बेरुखी दिखाई है।'
उन्होंने कांग्रेस के उन कई युवा नेताओं की गैरमौजूदगी पर भी सवाल खड़े किए, जिन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। जब राजधानी के कई हिस्से विरोध के केंद्र बने हुए थे, तब इन युवा नेताओं का कहीं अता-पता नहीं था।
गुप्ता ने कहा, 'पक्का है कि कांग्रेस की ओर से ऐसा कोई विप इश्यू नहीं किया गया था कि कोई नेता इन प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता। गांधी की तरह सचिन पायलट उन युवा नेताओं में शामिल हैं, जो इंडिया के यूथ के साथ कनेक्ट नहीं हो सकते।'
आम आदमी पार्टी के लीडर योगेंद्र यादव ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने खासकर राहुल गांधी पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि तथाकथित युवा नेता उन चीजों से दूर हैं, जिसे देश चाहता है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
प्रभावी लेखन,
जवाब देंहटाएंजारी रहें,
बधाई !!