माजीसा मंदिर में उमड़े हजारों श्रद्धालु
बालोतरा। मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी को जसोल माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए प्रदेश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में शीश नवा, प्रसाद चढ़ा परिवार में खुशहाली की कामना की। दिन भर श्रद्धालुओं की आवाजाही से यहां मेले सा माहौल दिखाई दिया। शुक्ल पक्ष की शुरूआत के साथ माता राणी भटियाणी मंदिर जसोल में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अनवरत रूप से जारी है।
प्रदेश व क्षेत्र से अब तक हजारों श्रद्धालुु मां के दरबार में सिर नवा व प्रसाद चढ़ाकर मन्नतें मांग चुके हैं। द्वादशी को मां के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रदेश के कोने कोने से हजारों की संख्या में पहुंचे। इसके अलावा बालोतरा सहित क्षेत्र के गांवों से अलसुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते व भजन गाते हुए पैदल जत्थों के रूप में मंदिर पहुंचे। उन्होंने मां की मंगला आरती उतार व प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की। इस दिन मांजीसा की प्रतिमा का नए वस्त्रों, गहनों व फूलमालाओं से श्रृंगार किया गया। दिन निकलने के बाद दूर दूर से रेलों, बसों व निजी साधनों में सवार होकर हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
समूचा मंदिर खचाखच भर गया। यहां लगी लंबी कतारों में श्रद्धालुओं ने घंटों खड़े रहकर आई बारी पर मां के दरबार में शीश नवाया, चुंदड़ी, कुंकुंम, श्रीफल, मांजीसा का बागा, धूप, अगरबत्ती, प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की। सुखमय जीवन की कामना को लेकर वर वधू ने सेड़ा बंधी बांधकर मंदिर की परिक्रमा लगाई। अपने नौनिहालों के दीघार्यु जीवन की कामना को लेकर अभिभावकों ने उनके झडूले उतवाए। संतान कामना को लेकर नि:संतान दम्पतियों ने बायोसा की खेजड़ी के तांती व झूला बांधा।
इसके अलावा कई श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामनाओं के पूरा होने पर परिवार सदस्यों व रिश्तेदारों के साथ मांजीसा के नाम रातीजोगा दिया। श्रद्धालुओं ने परिसर में स्थित सवाईसिंहजी, लालसिंहजी व बायोसा के मंदिर में भी पूजा अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामना की। श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जाने वाले जयकारो व गाए जाने वाले भक्तिगीतों से पूरे दिन माहौल धर्ममय बना रहा। इसके बाद मंदिर के बाहर लगे हाट बाजार में खरीदारी की। दिन भर श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रहने से यहां मेले सा माहौल नजर आया। मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधार्थ छाया, पानी, चिकित्सा एवं सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया।
बालोतरा। मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी को जसोल माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए प्रदेश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में शीश नवा, प्रसाद चढ़ा परिवार में खुशहाली की कामना की। दिन भर श्रद्धालुओं की आवाजाही से यहां मेले सा माहौल दिखाई दिया। शुक्ल पक्ष की शुरूआत के साथ माता राणी भटियाणी मंदिर जसोल में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अनवरत रूप से जारी है।
प्रदेश व क्षेत्र से अब तक हजारों श्रद्धालुु मां के दरबार में सिर नवा व प्रसाद चढ़ाकर मन्नतें मांग चुके हैं। द्वादशी को मां के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रदेश के कोने कोने से हजारों की संख्या में पहुंचे। इसके अलावा बालोतरा सहित क्षेत्र के गांवों से अलसुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते व भजन गाते हुए पैदल जत्थों के रूप में मंदिर पहुंचे। उन्होंने मां की मंगला आरती उतार व प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की। इस दिन मांजीसा की प्रतिमा का नए वस्त्रों, गहनों व फूलमालाओं से श्रृंगार किया गया। दिन निकलने के बाद दूर दूर से रेलों, बसों व निजी साधनों में सवार होकर हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
समूचा मंदिर खचाखच भर गया। यहां लगी लंबी कतारों में श्रद्धालुओं ने घंटों खड़े रहकर आई बारी पर मां के दरबार में शीश नवाया, चुंदड़ी, कुंकुंम, श्रीफल, मांजीसा का बागा, धूप, अगरबत्ती, प्रसाद चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की। सुखमय जीवन की कामना को लेकर वर वधू ने सेड़ा बंधी बांधकर मंदिर की परिक्रमा लगाई। अपने नौनिहालों के दीघार्यु जीवन की कामना को लेकर अभिभावकों ने उनके झडूले उतवाए। संतान कामना को लेकर नि:संतान दम्पतियों ने बायोसा की खेजड़ी के तांती व झूला बांधा।
इसके अलावा कई श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामनाओं के पूरा होने पर परिवार सदस्यों व रिश्तेदारों के साथ मांजीसा के नाम रातीजोगा दिया। श्रद्धालुओं ने परिसर में स्थित सवाईसिंहजी, लालसिंहजी व बायोसा के मंदिर में भी पूजा अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामना की। श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जाने वाले जयकारो व गाए जाने वाले भक्तिगीतों से पूरे दिन माहौल धर्ममय बना रहा। इसके बाद मंदिर के बाहर लगे हाट बाजार में खरीदारी की। दिन भर श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रहने से यहां मेले सा माहौल नजर आया। मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधार्थ छाया, पानी, चिकित्सा एवं सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया।
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