फतवा,औरतें नहीं बन सकती रिसेप्शनिस्ट
मुज्जफरनगर। दारूम उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के रिसेप्शनिस्ट बनने को लेकर फतवा जारी किया है। देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के रिसेप्शनिस्ट बनने को गैर कानूनी और शरीया लॉ के खिलाफ बताया है।
देवबंद ने यह बात 29 नवंबर को पाकिस्तान की एक कंपनी की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कही है। कंपनी ने पूछा था कि क्या मुस्लिम महिला को बतौर रिसेप्शनिस्ट नियुक्ति दी जा सकती है या नहीं।
देवबंद ने कहा कि मुस्लिम महिला का बतौर रिसेप्शनिस्ट किसी दफ्तर में काम करना गैर इस्लामिक है क्योंकि उन्हें बिना बुर्के के पुरूषों के साथ काम करने की इजाजत नहीं दी गई है।
मौलाना और यूपी इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ्ती जुल्फिकार अली ने फतवे का समर्थन करते हुए कहा कि बुर्का पहनने के बाद मुस्लिम महिलाएं किसी भी संस्थान में काम कर सकती है लेकिन बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने पर उसे कई लोगों से बात करनी पड़ती है इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
मुज्जफरनगर। दारूम उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के रिसेप्शनिस्ट बनने को लेकर फतवा जारी किया है। देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के रिसेप्शनिस्ट बनने को गैर कानूनी और शरीया लॉ के खिलाफ बताया है।
देवबंद ने यह बात 29 नवंबर को पाकिस्तान की एक कंपनी की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कही है। कंपनी ने पूछा था कि क्या मुस्लिम महिला को बतौर रिसेप्शनिस्ट नियुक्ति दी जा सकती है या नहीं।
देवबंद ने कहा कि मुस्लिम महिला का बतौर रिसेप्शनिस्ट किसी दफ्तर में काम करना गैर इस्लामिक है क्योंकि उन्हें बिना बुर्के के पुरूषों के साथ काम करने की इजाजत नहीं दी गई है।
मौलाना और यूपी इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ्ती जुल्फिकार अली ने फतवे का समर्थन करते हुए कहा कि बुर्का पहनने के बाद मुस्लिम महिलाएं किसी भी संस्थान में काम कर सकती है लेकिन बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने पर उसे कई लोगों से बात करनी पड़ती है इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
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