रविवार, 9 दिसंबर 2012

जींस पहनने पर छात्राओं पर जुर्माना

जींस पहनने पर छात्राओं पर जुर्माना
हिसार। हरियाणा में हिसार जिले के आदर्श महिला कालेज में छात्राओं के जींस पहनने पर पाबंदी लगाने और इसका उल्लंघन करने वाली चार छात्राओं पर जुर्माना किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कालेज की छात्राओं में इसे लेकर रोष है,वहीं जनवादी महिला समिति और अनेक छात्र संगठनों ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए इसे तुरंत खत्म किए जाने की मांग की है।

जनवादी महिला समिति की हिसार जिला इकाई ने इसे महिलाओं के अधिकारोें पर कुठाराघात बताया है। समिति का कहना है कि कालेज की प्रिन्सिपल द्वारा एक महिला होते हुए इस तरह के फरमान थोपा जाना बेहद निंदनीय है। यह कालेज प्रबंधन की दकियानूसी सोच को दर्शाता है।

इंडियन नेशनल लोकदल की छात्र विंग इनसो ने इसे छात्राऔं की आजादी पर हमला बताते हुए कहा कि ऎसे फरमान जारी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। भारतीय जनवादी नौजवान सभा ने कहा है कि चार छात्राओं पर जुर्माने की कार्रवाई को तुरंत रद्द किया जाए तथा छात्राओं के जींस पहनने पर लगाई गई रोक को खत्म किया जाए।

आदर्श कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. अलका शर्मा का कहना है कि कॉलेज में मोबाइल लाने व जींस पहनने की मनाही है। छात्राएं जींस के साथ लॉन्ग कुर्ता व सूट पहन सकती है, लेकिन शॉर्ट शर्ट या टीशर्ट मान्य नहीं है। सभी छात्राओं को आदेश दिए हुए हैं। निरीक्षण कमेटी समय समय पर ड्रेस कोड की जांच करती है।

चार छात्राओं पर 100-100 रूपए जुर्माना लगा दिया गया,क्योंकि उन्होंने जींस-टीशर्ट पहनी थी। कालेज प्रशासन ने छात्राओं के लिए सोमवार को सफेद सलवार सूट ड्रेस कोड लागू किया हुआ है। अगर कोई छात्रा इस ड्रेस कोड में नहीं आती है तो उस पर जुर्माना किया जाता है। कई बार तो छात्राओं को सजा के रूप मे कॉलेज में ही नहीं आने दिया जाता।

जींस पर पाबंदी और ड्रेस कोड बारे मे कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह कॉलेज के नियमों में शामिल है। इन नियमों का पालन करना छात्राओं व शिक्षिकाओं के जरूरी है। अगर कोई इन नियमों को तोड़ता है तो उस पर नियमानुसार जुर्माने किया जाता है। इस कॉलेज में ड्रेस कोड को लेकर विवाद नया नहीं है।

कुछ माह पूर्व भी ड्रेस कोड को लेकर विवाद उठा था और सोमवार के दिन सफेद सूट, सलवार नहीं पहनने पर कॉलेज की अनेक छात्राओं को कॉलेज में नहीं आने दिया गया था। अनेक छात्राएं कॉलेज गेट पर खड़ी रही। कॉलेज के बाहर जाम जैसी स्थिति हो गई थी। इस कॉलेज ने तुगलकी फरमान सुनाकर पुराने विवाद को फिर भड़का दिया है।

कॉलेज की छात्राएं इस नियम से खुश नहीं है और इसे अपनी स्वतंत्रता पर पाबंदी मानती है। इस नियम के खिलाफ एक दो बार छात्राओं ने आवाज उठाने की कोशिश भी की, लेकिन सभी छात्राओं का समर्थन न मिलने पर उनकी आवाज दबकर रह गई।

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