नई दिल्ली।। इस साल हुए उप राष्ट्रपति चुनाव में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने से सियासी गलियारों और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। चुनाव आयोग हैरान है। दरअसल, उप राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी के नॉमिनेशन के लिए आंध्र प्रदेश के 40 सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया गया,जिनमें कैबिनेट मिनिस्टर जयपाल रेड्डडी समेत कई मंत्रियों के हस्ताक्षर शामिल हैं।
इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने में इन सांसदों के सहयोग का लिखित हवाला दिया गया और चुनाव आयोग ने अब आकर इन सांसदों के सिग्नेचर वैरिफाई किए। सभी सांसदों ने अपने हस्ताक्षर देखे तो हैरान रह गए। कांग्रेस की सांसद पूनम प्रभाकर ने पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ फ्रॉड गेम?
वाराणसी के नरेंद्र नाथ दुबे उर्फ अडिग से तो आप बखूबी वाकिफ होंगे। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में प्रणव मुखर्जी को टक्कर देने के लिए पर्चा भरा था। मीडिया में भी इन्हें खूब सुर्खियां मिली। पेशे से वकील नरेंद्र नाथ दुबे ने अगस्त में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी के लिए पर्चा दाखिल किया। नॉमिनेशन सपोर्ट के लिए जरूरी सांसदों की लिस्ट चुनाव आयोग में दी। चुनाव में तो नरेंद्र नाथ की जमानत जब्त हो गई।मगर जब चुनाव आयोग ने सांसदों की लिस्ट में मौजूद हस्ताक्षरों की क्रॉस चेकिंग की तो आंध्र प्रदेश के करीब 40 सांसदों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। सभी सांसदों को चुनाव आयोग ने उनके हस्ताक्षर की कॉपी भेजी। सभी अपने हस्ताक्षर देख कर हैरान थे। सांसदों ने चुनाव आयोग को लिखित तौर बताया कि यह हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। चुनाव आयोग ने इस बाबत एक लेटर लोकसभा महासचिव को लिखा और इस पूरे मामले से अवगत कराया।
कांग्रेसी महकमे में भी हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जयपाल रेड्डी, मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू, केंद्रीय मंत्री पुरनादेश्वरी, पेट्रोलियम और गैस राज्य मंत्री पनबका लक्ष्मी के भी फर्जी हस्ताक्षरों का सहारा लिया गया। कांग्रेस आलाकमान की सलाह पर आंध्र प्रदेश के करीम नगर की सांसद पूनम प्रभाकर ने फर्जी हस्ताक्षरों वाली कॉपी समेत पांच पेज की लिखित शिकायत पुलिस कमिश्नर को दी है।
मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र नाथ दुबे 1984 से एमएलए, सांसद और राष्ट्रपति चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। यह बात अलग है कि वह अपनी जमानत भी जब्त करवाते आ रहे हैं।
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