बुधवार, 28 नवंबर 2012

धोरों में केसर की महक

धोरों में केसर की महक

नवलगढ़। जम्मू - कश्मीर जैसे ठंडे प्रदेश में पनपने वाली केसर की खेती शेखावाटी के धोरों में भी प्रायोगिक तौर पर होने लगी है। चैलासी गांव के किसान मुरली सैनी ने इसकी खेती कर इसकी संभावना को मजबूती दी है।

केसर की बाड़ी में सोमवार को 108 फूल खिले। इन 108 फूलों से करीब डेढ़ ग्राम केसर का उत्पादन होगा। मुरली ने बताया कि आठ से 26 नवंबर तक करीब 250 फूल खिले, जिनसे चार ग्राम केसर का उत्पादन हुआ।

किसान के मुताबिक उसने कश्मीर विश्वविद्यालय से लाए प्रमाणित बीज से खेती शुरू की है। यह मौसम केसर की फसल के लिए सबसे उत्तम है। दिन में धूप खिलने और रात को सर्दी पड़ने से फूल ज्यादा आते हैं। मुरली करीब चार साल से केसर की खेती करने का प्रयास कर रहा है।

रात को सूखाए जाते हैं फूल
किसान ने बताया कि केसर के फूलों को रात के अंधेरे में बंद कमरे में सुखाना पड़ता है। सुखाते समय भी फूलों की खास देखभाल करनी पड़ती है।

इनका कहना है
मैंने चेलासी में खेती तो नहीं देखी,लेकिन शेखावाटी में सर्दियों के दौरान तापमान बहुत कम रहता है। इस कारण यहां खेती संभव है, लेकिन उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं हो सकती है, क्योंकि श्रेष्ठ किस्म के लिए लम्बे समय तक शून्य से कम तापमान चाहिए। -एस एम मेहता,प्रभारी,कृषि विज्ञान केन्द्र,आबूसर

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