नई दिल्ली रेल्वे की वातानुकूलित श्रेणी में एक यात्री के चोरी गए पर्स के संबंध में उपभोक्ता फोरम द्वारा महत्वपूर्ण फैसला देकर नजीर पेश की है। एक उपभोक्ता मंच ने यहां भारतीय रेलवे को एक महिला यात्री का पर्स चोरी होने पर 60,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। 2009 में आंध्र प्रदेश राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से सिकदंराबाद से दिल्ली की यात्रा के दौरान इस महिला का पर्स चोरी हो गया था। पर्स में नकद रुपये और कीमती चीजें थीं।
नई दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंच ने 2004 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण मंच द्वारा बनाए गए कानून का हवाला देते हुए रेलवे को महिला को हुए नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया। न्यायिक खंडपीठ के प्रमुख सी. के. चतुर्वेदी ने कहा कि सबूतों से पता चलता है कि शिकायतकर्ता महिला राजधानी एक्सप्रेस के एक आरक्षित कंपार्टमेंट में सफर कर रही थीं और ट्रेन में एक कोच अटेंडेंट भी था।
इस तरह की परिस्थिति में यात्री के सामान का गायब होना रेल प्रशासन की लापरवाही को दिखाता है। चतुर्वेदी ने रेलवे को महिला के नकद पैसों और गहनों की चोरी के लिए 40,000 रुपये नकद और प्रताड़ना के लिए 20,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से एक कानून बनाया हुआ है कि आरक्षित कंपार्टमेंट में चोरी होने पर रेल प्रशासन इसका जिम्मेदार होगा। इसे देखते हुए हम रेलवे को अपने कामकाज में लापरवाही का दोषी पाते हैं।
14 अगस्त, 2009 को राजधानी ट्रेन में यात्रा कर रही दिल्ली की रहने वाली अर्चना राज का पर्स चोरी होे गया था। पर्स में 10,000 रुपये नकद, 25,000 रुपये की सोने की एक चेन और दूसरी कीमती चीजें थीं। महिला ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
नई दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंच ने 2004 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण मंच द्वारा बनाए गए कानून का हवाला देते हुए रेलवे को महिला को हुए नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया। न्यायिक खंडपीठ के प्रमुख सी. के. चतुर्वेदी ने कहा कि सबूतों से पता चलता है कि शिकायतकर्ता महिला राजधानी एक्सप्रेस के एक आरक्षित कंपार्टमेंट में सफर कर रही थीं और ट्रेन में एक कोच अटेंडेंट भी था।
इस तरह की परिस्थिति में यात्री के सामान का गायब होना रेल प्रशासन की लापरवाही को दिखाता है। चतुर्वेदी ने रेलवे को महिला के नकद पैसों और गहनों की चोरी के लिए 40,000 रुपये नकद और प्रताड़ना के लिए 20,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से एक कानून बनाया हुआ है कि आरक्षित कंपार्टमेंट में चोरी होने पर रेल प्रशासन इसका जिम्मेदार होगा। इसे देखते हुए हम रेलवे को अपने कामकाज में लापरवाही का दोषी पाते हैं।
14 अगस्त, 2009 को राजधानी ट्रेन में यात्रा कर रही दिल्ली की रहने वाली अर्चना राज का पर्स चोरी होे गया था। पर्स में 10,000 रुपये नकद, 25,000 रुपये की सोने की एक चेन और दूसरी कीमती चीजें थीं। महिला ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें