बुधवार, 7 नवंबर 2012

रेल मंत्री ने दिये यात्री किराया बढ़ाने के संकेत



रायबरेली : रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने आज रेल किराये में बढ़ोतरी के संकेत देते हुए कहा कि ऐसा किये बगैर रेलवे को चलाना मुश्किल होगा।
 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के लालगंज में स्थित रेल कोच फैक्ट्री में उत्पादित डिब्बों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने के मौके पर मौजूद बंसल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘रेल किराया भाड़ा बढ़ाना हमारा लक्ष्य नहीं है। हमारा मकसद यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराना है। इसके लिए क्या करना चाहिए, इस पर विचार किया जा रहा है। नि:संदेह किसी समय हमें कोई कदम (किराये में वृद्धि) उठाना पड़ेगा, क्योंकि वैसा किये बगैर रेलवे को चलाना मुश्किल होगा।’


उन्होंने कहा, ‘जब भी लोग मुझसे मिलते हैं तो कहते हैं कि सुविधाओं को सुधारिये, भले ही किराया थोड़ा ज्यादा ले लीजिये।’ यह पूछे जाने पर कि क्या रेल किराया अगले साल मार्च से बढ़ सकता है, रेल मंत्री ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस बारे में कोई भी फैसला समुचित विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री लगाने के लिए ‘जमीन के बदले’ नौकरी देने के फार्मूले की रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में पूछने पर बंसल ने कहा कि फिलहाल इस तरह की कोई नीति निर्धारित नहीं है। रेल मंत्री ने कहा कि लालगंज में रेल कोच फैक्ट्री के मामले में प्रभावित लोगों को नौकरी इसलिए दी गई क्योंकि हम ऐसा कर सकते थे। जम्मू-कश्मीर में जमीन के बदले जमीन दी जाती है।


गौरतलब है कि रायबरेली स्थित लालगंज में रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना के लिए जमीन देने वाले परिवारों के कुल 1400 लोगों को सरकारी नौकरी दी गयी है। बंसल ने कहा कि संसद में अगर भूमि अधिग्रहण विधेयक पेश किया गया और जमीन अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को नौकरी देने की नीति निर्धारित की गयी तो रेलवे भी अपनी योजना को उसके अनुसार बदलेगी।


रेलमंत्री के रूप में प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका खास जोर रेल यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराने पर है। बंसल ने कहा कि रेल हादसों में कमी लाने के लिये ओवरब्रिज बनवाए जा रहे हैं, लेकिन जब तक वे बन नहीं जाते तब तक सभी फाटकरहित रेल क्रासिंग पर एक कर्मी तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 32000 क्रासिंग में से 13500 फाटकरहित हैं।

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