लिंग काटा,परिजनों ने किया हंगामा
अलवर। अलवर के एक निजी अस्पताल में सात वर्षीय बच्चे का खतना गलत हो जाने के कारण जयपुर के अस्पताल में बच्चे का लिंग अलग करना पड़ा। कई दिनों बाद जब परिजनों को इसका मालूम चला तो गुरूवार को अलवर के सानिया अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री नसरू खां से भी परिजनों से कहासुनी हो गई। देर शाम को परिजनों ने एनईबी थाने में सानिया अस्पताल के डॉ. तैयब खान के खिलाफ बच्चे का लापरवाही से इलाज करने और परिजनों के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है। बच्चा अभी भी सानिया अस्पताल में भर्ती है।
अस्पताल में भर्ती बच्चे के परिजन फकरूद्दीन व अयूब ने बताया कि वे दस नवम्बर को सात वर्षीय अरमान का खतना कराने के लिए एनईबी स्थित सानिया अस्पताल लेकर आए थे। यहां चिकित्सकों के ऑपरेशन के बाद बच्चे का पेशाब आना बन्द हो गया था। फिर बच्चे को जयपुर के प्रतापनगर स्थित नारायण ह्वदयालय हॉस्पिटल में भेज दिया। तब तक बच्चे का लिंग पूरी तरह खराब हो चुका था।
वहां जयपुर के अस्पताल में बच्चे का लिंग अलग करना पड़ा। इसके बाद परिजन बच्चे को वापस सानिया अस्पताल लेकर आ गए। गुरूवार को सानिया अस्पताल के सामने दिनभर परिजनों ने हंगामा किया और धरने पर बैठे
रहे। उन्होंने चिकित्सकों पर गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगाया।
जबकि अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि यह लापरवाही नहीं दुर्घटना है। ऎसा किसी भी अस्पताल में हो सकता है।
निजी अस्पताल में बच्चे का लिंग काटा : आईएमए प्राईवेट नर्सिüग होम एवं हॉस्पिटल एसोसिएशन की आपातकालीन बैठक गुरूवार को शाम पांच बजे हुई। जिसमें डॉ. तैयब खान ने उनके हॉस्पिटल पर कुछ लोगों ने उपद्रव कर मरीजों के इलाज में बाधा उत्पन्न करने की बात कही। ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन शाखा अलवर के अध्यक्ष डॉ. मोहनलाल सिंधी ने बताया कि मरीज के इलाज में अनेक प्रकार की जटिलताएं होती हैं। चिकित्सक अपने अनुभव व योग्यता के अनुसार अच्छे से अच्छा इलाज करते हैं। परिजनों को भी सहयोग का वातावरण बनाना चाहिए। इस दौरान कई चिकित्सक मौजूद थे।
राजनीतिक रंग
कुछ लोग जानबूझकर राजनीतिक रंग दे रहे हैं। इसमें चिकित्सकों की लापरवाही नहीं एक दुर्घटना है। अस्पताल में तीन सर्जन हैं। सीनियर सर्जन ने बच्चे का ऑपरेशन किया था।
डॉ. तैयब खान, सानिया अस्पताल अलवर
काला पड़ गया
हल्का सा कट लगने के बाद ही बच्चे का लिंग काला पड़ गया था। प्लास्टिक सर्जन की सलाह के लिए उसे जयपुर के अस्पताल में भेजा था।
डॉ. हरिराम गुप्ता, सर्जन, सानिया अस्पताल
मेरे पास जब यह मरीज आया था उसका लिंग पूरी तरह खत्म था। हमने यूरोलॉजिस्ट से भी राय ली, लेकिन कोई कोई विकल्प नहीं था। परिजनों को दिखाने और बताने के दो दिन बाद लिंग अलग किया।
डॉ. अमरीश गुप्ता, सर्जन, नारायण ह्वदयालय हॉस्पिटल जयपुर
अलवर। अलवर के एक निजी अस्पताल में सात वर्षीय बच्चे का खतना गलत हो जाने के कारण जयपुर के अस्पताल में बच्चे का लिंग अलग करना पड़ा। कई दिनों बाद जब परिजनों को इसका मालूम चला तो गुरूवार को अलवर के सानिया अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री नसरू खां से भी परिजनों से कहासुनी हो गई। देर शाम को परिजनों ने एनईबी थाने में सानिया अस्पताल के डॉ. तैयब खान के खिलाफ बच्चे का लापरवाही से इलाज करने और परिजनों के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है। बच्चा अभी भी सानिया अस्पताल में भर्ती है।
अस्पताल में भर्ती बच्चे के परिजन फकरूद्दीन व अयूब ने बताया कि वे दस नवम्बर को सात वर्षीय अरमान का खतना कराने के लिए एनईबी स्थित सानिया अस्पताल लेकर आए थे। यहां चिकित्सकों के ऑपरेशन के बाद बच्चे का पेशाब आना बन्द हो गया था। फिर बच्चे को जयपुर के प्रतापनगर स्थित नारायण ह्वदयालय हॉस्पिटल में भेज दिया। तब तक बच्चे का लिंग पूरी तरह खराब हो चुका था।
वहां जयपुर के अस्पताल में बच्चे का लिंग अलग करना पड़ा। इसके बाद परिजन बच्चे को वापस सानिया अस्पताल लेकर आ गए। गुरूवार को सानिया अस्पताल के सामने दिनभर परिजनों ने हंगामा किया और धरने पर बैठे
रहे। उन्होंने चिकित्सकों पर गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगाया।
जबकि अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि यह लापरवाही नहीं दुर्घटना है। ऎसा किसी भी अस्पताल में हो सकता है।
निजी अस्पताल में बच्चे का लिंग काटा : आईएमए प्राईवेट नर्सिüग होम एवं हॉस्पिटल एसोसिएशन की आपातकालीन बैठक गुरूवार को शाम पांच बजे हुई। जिसमें डॉ. तैयब खान ने उनके हॉस्पिटल पर कुछ लोगों ने उपद्रव कर मरीजों के इलाज में बाधा उत्पन्न करने की बात कही। ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन शाखा अलवर के अध्यक्ष डॉ. मोहनलाल सिंधी ने बताया कि मरीज के इलाज में अनेक प्रकार की जटिलताएं होती हैं। चिकित्सक अपने अनुभव व योग्यता के अनुसार अच्छे से अच्छा इलाज करते हैं। परिजनों को भी सहयोग का वातावरण बनाना चाहिए। इस दौरान कई चिकित्सक मौजूद थे।
राजनीतिक रंग
कुछ लोग जानबूझकर राजनीतिक रंग दे रहे हैं। इसमें चिकित्सकों की लापरवाही नहीं एक दुर्घटना है। अस्पताल में तीन सर्जन हैं। सीनियर सर्जन ने बच्चे का ऑपरेशन किया था।
डॉ. तैयब खान, सानिया अस्पताल अलवर
काला पड़ गया
हल्का सा कट लगने के बाद ही बच्चे का लिंग काला पड़ गया था। प्लास्टिक सर्जन की सलाह के लिए उसे जयपुर के अस्पताल में भेजा था।
डॉ. हरिराम गुप्ता, सर्जन, सानिया अस्पताल
मेरे पास जब यह मरीज आया था उसका लिंग पूरी तरह खत्म था। हमने यूरोलॉजिस्ट से भी राय ली, लेकिन कोई कोई विकल्प नहीं था। परिजनों को दिखाने और बताने के दो दिन बाद लिंग अलग किया।
डॉ. अमरीश गुप्ता, सर्जन, नारायण ह्वदयालय हॉस्पिटल जयपुर
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