शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

जोधपुर की किरण राजपुरोहित 'नितिला' को सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार


राजस्थानी साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा :

जोधपुर की किरण राजपुरोहित 'नितिला' को सांवर दइया पैली पोथी

पुरस्कार


किरण राजपुरोहित

संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है कविता : किरण

जोधपुर। राजस्थानी साहित्य अकादमी की ओर से वर्ष २०१२-१२ के लिए घोषित 'सांवर दैया पैली पोथी' पुरस्कार की विजेता, जोधपुर निवासी कवयित्री किरण राजपुरोहित 'îनितिला' को बचपन से ही साहित्यिक माहौल मिला है। घर में लगभग सभी सदस्यों को पढऩे का शौक था तो स्कूल में एक शिक्षक बाकायदा लिखा भी करते थे। वहां की लाइब्रेरी में कई पुस्तकें पढऩे का मौका मिला।


दरअसल पढऩे-लिखने के संस्कार की वजह से किरण ने कम उम्र में ही लिखना शुरू कर दिया था। उम्र बढऩे के साथ लेखनी में परिपक्वता आई तो उनकी कविताएं व कहानियां विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगीं।

उनके इस शौक को उस समय पंख लग गए जब पति डॉ. नरेंद्रसिंह का प्रोत्साहन मिला। उनके पति तो अच्छे पेंटर हैं ही, किरण भी ऑयल पेंटिंग करती हैं। हिन्दी व राजस्थानी में कविता, कहानी व लघु कथा लिखने वाली किरण का मानना है कि कविता दरअसल संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है। वे बिज्जी, रांगेयराघव, शिवानी व मुंशी प्रेमचंद को अपना आदर्श मानती हैं। उनका एक कहानी संग्रह भी कुछ माह बाद ही प्रकाशित होना है। पॉलिटिकल साइंस में एम.ए. किरण फिलहाल राजस्थानी में भी स्नातकोत्तर कोर्स कर रही हैं। वे अब अपना पूरा ध्यान राजस्थानी में लेखन पर केंद्रित करना चाहती हैं।






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