रविवार, 25 नवंबर 2012

बाड़मेर इरानी नागरिक बहरोज जेल से रिहा .फिर बना सरकारी मेहमान


इरानी नागरिक बहरोज जेल से रिहा .फिर बना सरकारी मेहमान 


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के बाखासर सरहद में पाक सीमापार कर सात साल पहले सीमा सुरक्षा बल के हत्थे छाडे इरानी नागरिक बहरोज की सजा   समाप्त होने के बाद उसे पुनः बाड़मेर पुलिस ने संदिग्ध अवस्था में घूमते और विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया ,बहरोज को शिव थाना क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया हें ,उलेखनीय हें की सात साल पह बहरोज बाखासर सीमा से भारतीय सीमा में आया तथा एक गाँव की सरहद पर रुक गया ,बहरोज को प्यास लड़ी तो उसने बकरी के थन से सीधे दूध पीना शुरू किया यह द्रश्य देख कर ग्रामीणों के उसके बाहरी नागरिक होने का संदेह हुआ ,ग्रामीणों ने सीमा सुरक्षा बल को इतला कर उसे गिरफ्तार कराया ,बहरोज से स्थानीय पुलिस और सुरक्षा और खुफिया एजेंसिया कुछ नहीं उगला पाई .बहरोज को पूछताछ के लिए जयपुर भी ले जाया गया इसके बाद भी बहरोज ने कोई राज नहीं उगला तो उसे अदालत में पेश किया जन्हा उसे तीन साल के अदालती चक्करों के बाद चार साल की सज़ा मिली .बहरोज तीन रोज पूर्व अपनी सजा समाप्त कर जेल से रिहा हुआ तो बाड़मेर पुलिस ने उसे फिर विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया जिसकी पुष्टि पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने की 

उल्लेखनीय हें की जिले के सीमावर्ती बाखासर सेक्टर में सीमा के स्तम्भ चिन्ह संख्या 905 के पास से एक ईरानी ने पाकिस्तान के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश किया, जिसे गांव वालों की सहायता से सीमा सुरक्षा बल ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके खिलाफ बाखासर थाने में विदेशी अधिनियम-1946 के तहत अवैध रूप से सीमा पार करने का मामला दर्ज किया गया था . 3 मार्च, 2005 को देर रात में इस व्यक्ति ने कंटीली बाड़ के पास गड्ढा खोदकर भारतीय सीमा में प्रवेश किया था। इस घुसपैठ से जहां एक ओर सुरक्षा इंतजामों पर सवालिया निशान लगा वहीं उस घुसपैठिये से पूछताछ पर सामने आए तथ्यों ने तमाम सुरक्षा एजेन्सियों को भी पेसोपेश में डाल दिया। बाड़मेर में संयुक्त पूछताछ के बाद अदालत ने उसे रिमाण्ड पर जयपुर भेज दिया था मगर बहरोज की नागरिकता और निवास प्रमाणित नहीं होने के कारन संदिघ्ध मान उसका चालान अदालत में पेश किया था जिस पर उसे चार साल की सज़ा मिली थी यह सज़ा दीवाली के बाद समाप्त हो गई ,रिहाई के बाद बहरोज  को फिर सरकारी मेहमान बना दिया ,

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