देवास। एक महिला पटवारी ने सोनकच्छ एसडीएम पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है। मामले को लेकर 25 से अधिक पटवारी कलेक्टोरेट पहुंचे और एसडीएम के निलंबन व एफआईआर की मांग को लेकर कलेक्टर से चर्चा की। देवास निवासी महिला पटवारी ने बताया गुरुवार रात एसडीएम के.एस. सोलंकी ने बस्ता जांच के लिए उन्हें बुलाया।
जांच के नाम पर 15 हजार रुपए की मांग की। रुपए नहीं होने की बात पर बोले रात यहीं रुक जाओ। पीडि़ता ने कहा यदि एसडीएम की हरकत को अभी भी उजागर नहीं किया गया तो कल को वह किसी और के साथ ऐसा कर सकते हैं। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए।
सोनकच्छ तहसील के पटवारी संजय व्यास ने कहा है एसडीएम श्री सोलंकी का आचरण यहां पदस्थ होने के समय से ही खराब रहा है। अकसर रात में पटवारियों की मीटिंग रखते हैं। बस्ता जांच व निलंबन की धमकी देकर रुपयों की मांग की जाती है। ऐसे अफसर को शासकीय सेवा में नहीं रखा जाना चाहिए।
इधर एसडीएम केएस सोलंकी के खिलाफ पुलिस ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर लिया है। एसडीएम पर बस्ता जांच के नाम पर महिला पटवारी को रात में कार्यालय बुलाने, उनसे रुपए मांगने और नहीं मिलने पर रात में वहीं रुकने का कहने के आरोप हैं। चौबाराजागीर की पटवारी ने 27 सितंबर को थाने पर इस संबंध में आवेदन दिया था। आवेदन में लिखा था कि एसडीएम ने उन्हें शाम 5 से 6 बजे के बीच कार्यालय बुलाया और कक्ष में उनके साथ छेड़छाड़ की। सोनकच्छ टीआई केसी मालवीय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में एसडीएम दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ धारा 354 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
निलंबन आदेश वापस नहीं लिया इसलिए लगाया आरोप
कई बार लिखित सूचना देने के बाद भी पटवारी जांच के लिए रिकॉर्ड नहीं ला रही थी। आरआई को भी भेजा फिर भी आदेश नहीं माना। इसके बाद उसका निलंबन आदेश जारी कर दिया गया। गुरुवार शाम को साढ़े पांच बजे वह ऑफिस आई और आदेश निरस्त करने का कहा। नहीं मानने पर बोली सर एक बार सोच लीजिए। इस दौरान पूरा स्टाफ उपस्थित था। किसी तरह का अभद्र व्यवहार या बात नहीं हुई। कलेक्टर महोदय के निर्देश पर रोस्टर के हिसाब से बस्तों की जांच चल रही है। आरआई, नायब तहसीलदार, तहसीलदार भी जांच कर रहे हैं।
के.एस. सोलंकी, एसडीएम सोनकच्छ
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