क्या है मामला ?
पुलिस को सुषमा ने बताया कि वह परिवार के साथ घर में ही थी। अचानक कुछ लोग पहुंचे। उन्होंने उसे बाहर बुलाया और गाड़ी पर बैठाने लगे। विरोध करने पर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। एक बदमाश ने धमकाते हुए कहा कि इसी ने आईपीएस पीएस नटराजन को फंसाया है, इसे मार डालो। जब उसने अपराधियों का विरोध करते हुए शोर मचाना शुरू किया, तो सभी भाग निकले। इसके बाद वह बहन चांदनी के साथ थाना पहुंची।
लोगों ने जीना हराम कर दिया है
अरगोड़ा थाना से बाहर निकली खौफजदा सुषमा बड़ाईक ने कहा कि क्या कसूर है मेरा, जो लोगों ने जीना हराम कर दिया है। क्या मेरी जिंदगी यों ही कटती रहेगी। गुमला में थे, तो घर जला दिया गया। झारखंड आर्मी का सरगना बताकर जेल भेज दिया गया। जेल से निकली, तो रांची आकर रहने लगी। सरकार ने जो सुरक्षा गार्ड दिए थे, वे भी ले लिए गए। अब फिर से लोग मेरी जान के पीछे पड़ गए हैं, आखिर मेरा कसूर क्या है?
"सुषमा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। जांच के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।"- पीके दास, अरगोड़ा थाना प्रभारी.
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