अजमेर.रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर की टिकट कलेक्टर भर्ती मुख्य लिखित परीक्षा में रविवार को डीबीएन स्कूल सेंटर में एक फर्जी परीक्षार्थी को पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी पटना बिहार निवासी विनय कुमार अपने साथी संजीत कुमार की जगह परीक्षा में बैठा था। रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों की सजगता से आरोपी को दबोच लिया गया। मौके पर ही उसके एक अन्य साथी को भी पकड़ा गया।रेलवे अधिकारियों ने आरोपियों को रामगंज थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस ने भादंसं की धारा 419 व 420 और सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1992 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष वीडीएस कासवान की ओर से आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि टिकट कलेक्टर भर्ती की द्वितीय चरण की लिखित परीक्षा रविवार सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई थी।
रामगंज स्थित डीबीएन स्कूल परीक्षा केन्द्र में अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र, अटेंडेंस शीट और मूल आवेदन पत्र की जांच के दौरान परीक्षक को एक परीक्षार्थी बिहार के चक नवादा पटना निवासी संजीत कुमार पुत्र योगी यादव के फोटो मिलाने पर शक हुआ था। परीक्षक ने भर्ती बोर्ड के अधिकारियों को संदिग्ध परीक्षार्थी के बारे में जानकारी दी।
अधिकारियों ने परीक्षा के दौरान कमरा नंबर 10 में संजीत कुमार की जगह परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी को निगरानी में रखा। परीक्षा समाप्त होने पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पकड़े गए युवक ने पहले तो खुद को संजीत कुमार बताया, लेकिन उसकी हैंड राइटिंग, अंगूठा निशानी और फोटोग्राफ मिलान के बाद उसने सच्चाई उगल दी। उसने कबूल किया कि वह पटना सलेमपुर निवासी विनय कुमार केवट पुत्र बुध देव केवट है। उसने संजीत यादव की जगह फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा दी है। आरोपी से पूछताछ के दौरान एक अन्य अभ्यर्थी पटना निवासी बिशुनदेव कुमार पुत्र ओमप्रकाश मौके पर पहुंचा और उसने विनय कुमार को संजीत कुमार के नाम से संबोधित करते हुए रेलवे अधिकारियों के सामने उसकी पैरवी की।
अधिकारियों ने उसे भी आरोपी का सहयोगी मानते हुए पुलिस के हवाले कर दिया। रामगंज थाना पुलिस ने सहयोगी के खिलाफ भी धारा 120 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
दोस्ती की खातिर
पुलिस के अनुसार आरोपी विनय कुमार यादव से गहनता से पूछताछ की जा रही है। शक है कि उसका संबंध परीक्षाओं में नकल कराने वाले बड़े गिरोह से है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी विनय कुमार ने बताया कि असली अभ्यर्थी संजीत कुमार उसका दोस्त है। उसकी मदद के लिए वह उसकी जगह परीक्षा दे रहा था। पुलिस को आरोपी के बयान में सच्चई नजर नहीं आ रही है।
शक है कि परीक्षाओं में धन लेकर फर्जी परीक्षार्थी मुहैया कराने वाला बड़ा गिरोह सक्रिय है। आरोपी के सहयोगी बिशुनदेव से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। बिशुनदेव ने विनय के पकड़े जाने पर उसे बचाने की कोशिश की थी। थाना प्रभारी कुशाल चौरड़िया ने बताया कि असली अभ्यर्थी की भी तलाश की जा रही है। आरोपियों से इनके नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जा रही है।
मोबाइल सहित एक अभ्यर्थी पकड़ा
रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर के अध्यक्ष वीडीएस कासवान ने बताया कि टिकट कलेक्टर भर्ती लिखित परीक्षा को संवेदनशील मानते हुए चैकिंग के सख्त इंतजाम किए गए थे। परीक्षा के दौरान पटना के बाढ़ निवासी संजय कुमार जायसवाल पुत्र सुशील कुमार के पास मोबाइल फोन बरामद किया गया। परीक्षा नियमों के अनुसार परीक्षा केन्द्र में मोबाइल फोन, कैल्कुलेटर, लैपटॉप और अन्य सामग्री ले जाने पर रोक है। इस बारे में अभ्यर्थियों को निर्देश दिए गए थे। पकड़े गए अभ्यर्थी का मोबाइल फोन जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है। सख्त चैकिंग व्यवस्था का नतीजा
रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर के अध्यक्ष वीडीएस कासवान ने बताया कि रेलवे टीसी पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा को संवेदनशील माना जाता है। इस कारण एहतियात के तौर पर चैकिंग व्यवस्था कड़ी की गई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले सभी अभ्यर्थियों की वीडियोग्राफी और फोटो लिए गए थे।
प्रवेश पत्र, उपस्थिति शीट और मूल आवेदन पत्रों में फोटो का मिलान किया गया था। कड़ी चैकिंग का नतीजा था कि फर्जी अभ्यर्थी विनय कुमार पकड़ा गया। कासवान ने बताया कि परीक्षा में गड़बड़ियों की रोकथाम के लिए बोर्ड ने विशेष चैकिंग व्यवस्था बनाई है। इसे गोपनीय रखा गया है।
देश के 21 रेलवे भर्ती बोर्ड ने एक ही दिन कराई परीक्षा
रेलवे में टिकट कलेक्टर पदों पर भर्ती के लिए देश भर के सभी 21 रेलवे भर्ती बोर्ड ने रविवार 7 अक्टूबर को एक ही दिन मुख्य लिखित परीक्षा आयोजित की थी। इसका फायदा यह है कि इस पद के लिए एक अभ्यर्थी एक ही भर्ती बोर्ड में आवेदन और परीक्षा कर सकता है। इससे ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों को मौका मिलता है।
रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर की ओर से रोजगार सूचना संख्या 03/2008 कोटि संख्या-5 टिकट कलेक्टर के 30 पदों पर भर्ती के लिए द्वितीय चरण लिखित परीक्षा 303 अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र भेजा था। परीक्षा में 54.46 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए।
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