बाड़मेर .गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने व वहां से ले जाने के लिए शुरू की जा रही जननी एक्सप्रेस 24 घंटे में केवल साढ़े सात किलोमीटर का रास्ता तय कर पाएगी। इसकी वजह यह है कि सरकार की ओर से पेट्रोल खर्चे के लिए प्रतिमाह मात्र 13 हजार रुपए का बजट तय किया है। लगभग 72 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से इस बजट में 180 लीटर पेट्रोल खरीदा जा सकेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक नई एंबुलेंस वैन एक लीटर में 15 किलोमीटर दौड़ सकती है। खास बात यह है कि इन एंबुलेंस पर 30 दिन तक के बच्चों के बीमार होने पर अस्पताल लाने व ले जाने की जिम्मेदारी भी रहेगी। बजट सीमित होने से सुविधा ज्यादा मिलना मुमकिन नहीं लग रहा है। इसके अलावा एक एंबुलेंस पर दो-दो चालक रखे गए हैं जो 12-12 घंटे ड्यूटी देंगे। यदि एक अवकाश पर चला गया तो 12 घंटे गाड़ी खड़ी रह सकती है।
मंगलवार को , जैन अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने हरी झंडी दिखा कर लोकार्पण किया जननी एक्सप्रेस का
और यहां दवा वितरण योजना के कंप्यूटरों में कनेक्टिविटी नहीं
ठीक एक साल पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण योजना को भी गांधी जयंती पर ऑन लाइन किया जा रहा है लेकिन एसके अस्पताल में दवा वितरण केंद्रों पर लगाए गए कंप्यूटरों की कनेक्टिविटी तक नहीं हुई है। कुछ ऑपरेटर काम छोड़ कर चले गए हैं तो कुछ दो दिन से काम नहीं कर रहे। कुछ प्रिंटर भी खराब हैं।
दस जगह उपलब्ध रहेगी एंबुलेंस
कोछोर, दातरू, कांवट, कूदन, फतेहपुरा, नेछवा, पनलावा, डाबला, गुहाला व मूंडरू में रखी जाएंगी। ये ऐसे इलाके हैं जहां 108 व सामान्य एंबुलेंस मुहैया नहीं है। लोकेशन के लिए जीपीएस नहीं
जननी एक्सप्रेस संचालन के लिए एसके अस्पताल को कंट्रोल रूम के लिए दो लाख रुपए का बजट दिया गया। कंट्रोलरूम अभी तक नहीं बन पाया है। इसके लिए एलसीडी टीवी, दो कंप्यूटर आदि सामान भी सोमवार को ही पहुंचा। देर शाम तक कंट्रोल रूम में मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम स्पेशलिस्ट नहीं लग पाया। एंबुलेंस की लोकेशन पता करने के लिए उनमें भी जीपीएस सिस्टम नहीं लगा है।
25 किमी का दायरा
जननी एक्सप्रेस गर्भवती, प्रसूता व तीस दिन तक के बच्चों को अस्पताल तक लाने-ले जाने का काम करेगी। एएनएम अपने इलाके की हर गर्भवती महिला के प्रसव की संभावित तारीख की सूची चालकों को भी देगी। एंबुलेंस 25 किलोमीटर का दायरा कवर करेगी।
परेशानी नहीं आने देंगे : ओला
'योजना के नोडल ऑफिसर का कहना है कि महिलाओं व बच्चों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। एमरजेंसी में 108 एंबुलेंस भी काम करेगी। जीपीएस के माध्यम से जननी एक्सप्रेस में पूरा ध्यान भी रखा जाएगा ताकि पेट्रोल खर्च पर कंट्रोल किया जा सके।'
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