जैसलमेर.दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 20 साल पहले मृत घोषित किए जा चुके खालिस्तानी आतंकी को दो दिन पहले जैसलमेर के रामगढ़-लोंगेवाला रोड से गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने सोमवार को दी। आतंकी की पहचान सुखविंदर सिंह (45) के रूप में की गई है। यह खालिस्तान कमांडो फोर्स का सदस्य था। उसे 1992 में पंजाब पुलिस ने मृत घोषित कर दिया था।
स्पेशल सेल के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि एक हफ्ते पहले हमारी टीम ने सुखविंदर के साथी और ड्रग डीलर राज कंदोला उर्फ बीएमडब्ल्यू किंग और उसके दो गुर्गो को दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार किया था। कंदोला के साथियों की पहचान गगनप्रीत सिंह और प्रदीप कुमार के रूप में हुई है। गगनप्रीत ने कंदोला को दिल्ली में रहने का ठिकाना दिलाया था। प्रदीप कंदोला को नेपाल के रास्ते भारत से भागने में मदद करने वाला था।
ड्रग बेचता था सुखविंदर
श्रीवास्तव ने बताया कि कंदोला ने हमें सुखविंदर के बारे में बताया। सुखविंदर कंदोला को 75 किलो एफीड्रिन (प्रतिबंधित नशीली दवा) बेचना चाहता है। इसके बाद मुंबई, श्रीगंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर में छापेमारी की गई। बाद में सुखविंदर के जैसलमेर के रामगढ़ में होने की पुख्ता सूचना प्राप्त हुई।
1986 में बना आतंकी
गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में सुखविंदर ने पुलिस को बताया कि उसके पिता एक पब्लिक सेक्टर यूनिट में काम करते हैं। उसने 1985 में होशियारपुर के डीएवी कॉलेज से प्री-इंजीनियरिंग का कोर्स किया था। 1986 में सुखविंदर स्वर्ण मंदिर गया जहां पर उसकी मुलाकात अजीत पाल सिंह से हुई जो स्टूडेंट फेडरेशन का सदस्य था। फिर उसने पढ़ाई छोड़ दी और युवा आतंकी संगठन का सदस्य बन गया। बाद में वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवार से मिला और उसका सदस्य बन गया।
हत्या सहित कई मामले
सुखविंदर के ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास, विस्फोटक एक्ट, आर्म्स एक्ट समेत कई संगीन अपराधों के मामले दर्ज थे। खुद को मृत घोषित करवा दिया। उसके बाद अंडरग्राउंड हो गया। तीन साल बाद वह नई पहचान के साथ पंजाब वापस आया। नया पासपोर्ट बनवाया, टूर एंड ट्रांसपोर्ट कंपनी खोली और शादी की।
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