गोरखपुर. एक छोटी सी सुई की चुभन हमें हिला देती है। अगर यही कई सुईयों में बदल जाए तो असहनीय दर्द का एहसास आपको भी हिला देगा। जरा सोचिए कि कोई इस दर्द के साथ सालों से जी रहा है। उसके दर्द की सीमा को महसूस करके ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
गोरखपुर के हासिल्ग्न्ज में रहने वाली 42-वर्षीय सायरा बानो इसी दर्द में जी रही हैं। चार बच्चों की मां सायरा पिछले कई सालों से अपने जिस्म में एक नहीं बल्कि कई नुकीली सुइयों को समाये दर्द में जी रही हैं।
भयानक दर्द से बिस्तर और कुर्सी तक सिमट चुकी सायरा के जीवन में अब दर्द निवारकों और नींद की गोलियों के सिवा और कुछ भी नहीं है।
शरीर में रहस्यमयी रूप से मौजूद सुइयों और अपने जिस्म को दूसरों द्वारा छूने से उठने वाले भयानक दर्द ने सायरा को अपने पूरे परिवार से अलग एक अछूत बनकर रहने पर मजबूर कर दिया है। सायरा के पति एक छोटा सा होटल चलाने वाले एहसानुल्लाह के मुताबिक़ उनकी बेगम की ज़िन्दगी में अब सोने और खाने के अलावा कुछ नहीं है। सायरा के सबसे बड़े बेटे इमरान बताते है कि उनकी मां का इलाज हर जगह करवाया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। गोरखपुर में सरकारी और प्राईवेट डाक्टरों से लेकर एम्स-नई दिल्ली तक पर फायदा कुछ भी नहीं हुआ। इमरान आगे बताते है की 2008 में जब एम्स में मनोचिकित्सकों ने मेरी मां को सर्जरी में रेफर किया तब शरीर के डिजिटल एक्सरे से पता चला कि उनके शारीर में 30 से ऊपर सुइयां समाई हैं। एह्सानुल्लाह के मुताबिक़ खुद सायरा को भी नहीं मालूम कि उनके शरीर में इतनी साड़ी कपड़ा टांकने वाली सुइयां कहां से समा गयी। जिससे उनका केस हर डॉक्टर के लिए एक पहेली बन के रह जाता है। उनके अनुसार एम्स के डॉक्टर भी इस केस के बहुत जटिल होने की वजह से इसका ऑपरेशन करने से कतराते रहे हैं और अब तो सायरा के शरीर से खुद बखुद दर्द देने वाली सुइयां बाहर निकल रहीं हैं। इमरान बताते है की जहां-जहां सुइयां तनी लगती हैं मेरी मां द्वारा शरीर के उस हिस्से को दर्द में दबाने पर सुइयां बाहर निकल रही हैं। पिछले कुछ महीनों में छह सुइयां बाहर आ चुकी हैं पर अभी भी कई अंदर मौजूद हैं।
पूर्व में सायरा का इलाज करने वाले एम्स-नई दिल्ली के मनोचिकित्सकों से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने इस अजीबोगरीब मामले की पुष्टि की और बताया कि यह केस एक पहेली बना रहा जिसके बाद उसको सर्जरी विभाग में भी रेफर किया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें