महिपाल,मलखान पर हत्या के आरोप तय
जोधपुर। एएनएम भंवरी देवी के अपहरण और हत्या के मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई को उस समय तगड़ा झटका लगा जब जोधपुर की कोर्ट ने उन पर अपहरण,हत्या,हत्या की साजिश रचने और सबूत मिटाने के आरोप तय कर दिए।
हालांकि मलखान के भाई परसराम को बड़ी राहत मिली है। एससी एसटी कोर्ट ने परसराम को जमानत दे दी। चार्ज बहस के दौरान कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने परसराम को भंवरी की हत्या और अपहरण के आरोप से बरी कर दिया है। कोर्ट ने उसे सिर्फ धारा 202 के तहत आरोपी माना है। उस पर मामले की जानकारी छुपाने का आरोप तय किया गया है।
पिछले साल 1 सितंबर को भंवरी देवी लापता हो गई थी। इस मामले में कई रसूखदार लोगों के नाम सामने आ रहे थे,इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। चार महीने बाद सीबीआई को भंवरी के अवशेष मिले। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट को बताया था कि भंवरी की हत्या कर दी गई है। पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा,लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई सहित कई अन्य को आरोपी बनाया गया था।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में महिपाल और मलखान को मुख्य आरोपी बताते हुए उन पर अपहरण,हत्या और सबूत मिटाने के आरोप लगाए। सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि भंवरी इनको ब्लैकमेल कर रही थी। इसलिए छुटकारा पाने के लिए इन्होंने भंवरी की हत्या करवा दी। मलखान से भंवरी के अच्छे रिश्ते थे। उसी ने भंवरी को मदेरणा से मिलवाया था। मामले में आरोपी और लूणी विधायक की बहन इंद्रा विश्नोई फरार है। कोर्ट उसे भगौड़ा घोषित कर चुका है।
जोधपुर। एएनएम भंवरी देवी के अपहरण और हत्या के मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई को उस समय तगड़ा झटका लगा जब जोधपुर की कोर्ट ने उन पर अपहरण,हत्या,हत्या की साजिश रचने और सबूत मिटाने के आरोप तय कर दिए।
हालांकि मलखान के भाई परसराम को बड़ी राहत मिली है। एससी एसटी कोर्ट ने परसराम को जमानत दे दी। चार्ज बहस के दौरान कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने परसराम को भंवरी की हत्या और अपहरण के आरोप से बरी कर दिया है। कोर्ट ने उसे सिर्फ धारा 202 के तहत आरोपी माना है। उस पर मामले की जानकारी छुपाने का आरोप तय किया गया है।
पिछले साल 1 सितंबर को भंवरी देवी लापता हो गई थी। इस मामले में कई रसूखदार लोगों के नाम सामने आ रहे थे,इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। चार महीने बाद सीबीआई को भंवरी के अवशेष मिले। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट को बताया था कि भंवरी की हत्या कर दी गई है। पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा,लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई सहित कई अन्य को आरोपी बनाया गया था।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में महिपाल और मलखान को मुख्य आरोपी बताते हुए उन पर अपहरण,हत्या और सबूत मिटाने के आरोप लगाए। सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि भंवरी इनको ब्लैकमेल कर रही थी। इसलिए छुटकारा पाने के लिए इन्होंने भंवरी की हत्या करवा दी। मलखान से भंवरी के अच्छे रिश्ते थे। उसी ने भंवरी को मदेरणा से मिलवाया था। मामले में आरोपी और लूणी विधायक की बहन इंद्रा विश्नोई फरार है। कोर्ट उसे भगौड़ा घोषित कर चुका है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें