नई दिल्ली. आलोचनाओं और विरोध से बेपरवाह डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए सरकार की आर्थिक सुधार की रेल बेधड़क दौड़ रही है। गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में खुदरा कारोबार में विदेश निवेश को मंजूरी और डीजल के दाम बढ़ाने और एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी को सीमित करने के करीब 20 दिनों बाद दूसरे दौर के आर्थिक सुधारों को मंजूरी दे दी गई। इनमें पेंशन में एफडीआई को हरी झंडी दिखा दी गई और बीमा क्षेत्र में एफडीआई के दायरे को बढ़ाने जैसे अहम फैसले लिए गए। अब इंश्योरेंस, पेंशन और कंपनी बिल को संसद से मंजूरी दिलानी होगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में पेंशन कोष नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) बिल पर विचार करते हुए पेंशन क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी गई। इसी तरह बीमा कानून संशोधन विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले यूपीए सरकार ने 14 सितंबर को मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी थी। साथी ही नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एफडीआई नियमों में और ढील देने का फैसला किया था। प्रसारण क्षेत्र में भी एफडीआई को उदार बनाया गया था। (
हालांकि, कैबिनेट की बैठक में आर्थिक सुधारों पर दूसरे दौर के फैसले से पहले ही मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, बीजू जनता दल और लेफ्ट बीमा और पेंशन में एफडीआई को मंजूरी का विरोध कर रहे हैं।
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