लौटेंगे सोनार के सुनहरे दिन!
जैसलमेर । कलात्मक सुंदरता व उत्कृष्ट भवन निर्माण कला के बूते सात समंदर पार तक अपनी पहचान बना चुके जैसलमेर के सोनार किले को यूनेस्को की फेहरिस्त मे शामिल करने की कवायद शुरू हो गई है। इस धरोहर को यूनेस्को की वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि यह कवायद सफल रही तो सोनार किले के सुनहरे दिन एक बार फिर लौट आएंगे।
गौरतलब है कि यूनेस्को की टीम अगले महीने इस किले का निरीक्षण करने के लिए आ रही है। यह टीम ऎतिहासिक सोनार किले को यूनेस्को की सूची मे शामिल करने संबंधी संभावनाएं तलाशेगी। उधर, प्रशासनिक स्तर पर भी इस संबंध मे किए जा रहे प्रयासो मे सक्रियता देखने को मिल रही है।
प्रदेश के मुख्य सचिव सीके मैथ्यू ने इस संबंध मे जैसलमेर कलक्टर शुचि त्यागी को करीब 857 साल पुराने किले के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासो मे सक्रियता लाने को कहा है। फिलहाल सोनार किले के परकोटे की मुख्य दीवारों की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसके अलावा सोनार किले से सटी सब्जी मंडी को भी हटाने के प्रयास किए जा रहे हंै, वहीं किले के आसपास नगरपरिषद की की ओर से बनाए गए शौचालयों को भी हटाया जाएगा। इसके अलावा पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की टीम भी जल्द ही दुर्ग के प्रवेश द्वार पर नियुक्त की जाएगी। यह टीम नजर रखेगी कि किले मे कोई अवैध निर्माण तो नहीं हो रहा है।
पर्यटन प्रभावित
विदेशी पर्यटकों की गाइड बुक "लोनली प्लानेट" के सहारे ही अधिकांश पर्यटक भारत भ्रमण की दिशा तय करते हंै। इस पुस्तक में भी सोनार किले की असुरक्षा का जिक्र कर दिया गया है। ऎसे में किले के भीतर का पर्यटन प्रभावित हो रहा है।
इन्होने कहा
गत 18 अक्टूबर को जयपुर मे बैठक मे इस संबंध मे चर्चा हुई थी। प्रशासन की ओर से किले की दीवार से सटी सब्जी मंडी स्थानांतरित करने की कार्यवाही चल रही है, वहीं एएसआई की ओर से निर्माण संबंधी कार्य चल रहा है। आगामी समय मे यूनेस्को की सूची मे सोनार किले को शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे।
-शुचि त्यागी, जिला कलक्टर, जैसलमेर
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