बयाना/जयपुर.विधायक ग्यारसाराम कोली, उसके पुत्र व भाई पर विधायक के दूसरे बड़े भाई की पुत्री ने मारपीट करने व उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिख कर शिकायत की है।
विधायक के बड़े भाई शेडूराम कोली की पुत्री गीतादेवी ने लिखे पत्रों में कहा है कि वह विकलांग है और अपनी ससुराल से पीहर आई थी, जो कि विधायक के घर के पास ही भीमनगर बयाना है। यहां विधायक, उसके भाई पूर्व सरपंच व पुत्रों द्वारा मारपीट की गई।
इसकी शिकायत थाने करने गई तो उसे विधायक के कहने पर थाने में बैठा लिया गया और उसके पिता शेडूराम व दो भाइयों को पुलिस द्वारा धारा 151 सीआरपीसी के तहत शांतिभंग के आरोप में बंद करा दिया गया। पीडि़ता का कहना है कि पिता व भाइयों की जमानत कराने एसडीएम के पास गई तो पहले से ही मौजूद विधायक ने पद का दुरुपयोग करते हुए दो भाइयों की जमानत नहीं होने दी, और उन्हें जेल भिजवा दिया।
पुलिस द्वारा उसे सोमवार सुबह 10 से शाम 6 बजे तक थाने में बैठाए रखा गया। विधायक व पूर्व सरपंच भाई ने उसे घर छोडऩे को मजबूर कर दिया है। पत्र में गीता द्वारा उचित कार्रवाई की मांग की गई है।
इधर, बयाना थानाधिकारी अर्जुन सिंह शेखावत का कहना है कि रविवार को विधायक के परिवार के सदस्यों में दीवार को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें विधायक के भाई शेडूराम को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया। सोमवार को शेडूराम के दो पुत्रों सतीश व योगेश को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर एसडीएम के समक्ष पेश किया गया। जहां तस्दीकशुदा जमानत नहीं दिए जाने के कारण दोनों को जेल भेज दिया।
इस मामले में मेरा व मेरे पुत्रों का कोई लेना-देना नहीं है। छोटे व बड़े भाइयों के बीच आपसी विवाद है। झगड़ा होने पर पुलिस पकड़ कर ले गई थी। मैं ना तो थाने गया और ना ही एसडीएम के पास गया। राजनैतिक विरोधी मामले को तूल देकर मेरी छवि को खराब करना चाहते हैं।
ग्यारसाराम कोली, विधायक
इसकी शिकायत थाने करने गई तो उसे विधायक के कहने पर थाने में बैठा लिया गया और उसके पिता शेडूराम व दो भाइयों को पुलिस द्वारा धारा 151 सीआरपीसी के तहत शांतिभंग के आरोप में बंद करा दिया गया। पीडि़ता का कहना है कि पिता व भाइयों की जमानत कराने एसडीएम के पास गई तो पहले से ही मौजूद विधायक ने पद का दुरुपयोग करते हुए दो भाइयों की जमानत नहीं होने दी, और उन्हें जेल भिजवा दिया।
पुलिस द्वारा उसे सोमवार सुबह 10 से शाम 6 बजे तक थाने में बैठाए रखा गया। विधायक व पूर्व सरपंच भाई ने उसे घर छोडऩे को मजबूर कर दिया है। पत्र में गीता द्वारा उचित कार्रवाई की मांग की गई है।
इधर, बयाना थानाधिकारी अर्जुन सिंह शेखावत का कहना है कि रविवार को विधायक के परिवार के सदस्यों में दीवार को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें विधायक के भाई शेडूराम को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया। सोमवार को शेडूराम के दो पुत्रों सतीश व योगेश को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर एसडीएम के समक्ष पेश किया गया। जहां तस्दीकशुदा जमानत नहीं दिए जाने के कारण दोनों को जेल भेज दिया।
इस मामले में मेरा व मेरे पुत्रों का कोई लेना-देना नहीं है। छोटे व बड़े भाइयों के बीच आपसी विवाद है। झगड़ा होने पर पुलिस पकड़ कर ले गई थी। मैं ना तो थाने गया और ना ही एसडीएम के पास गया। राजनैतिक विरोधी मामले को तूल देकर मेरी छवि को खराब करना चाहते हैं।
ग्यारसाराम कोली, विधायक
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