गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012

जालोर देख गादी का वैभव, सिरे मंदिर भी मुस्कुराया


गौरवपूर्ण समारोह में हुआ गंगानाथ महाराज का गादी तिलक समारोह, चारों ओर गूंज उठे जयकारे, हजारों श्रद्धालु बने इस ऐतिहासिक दिन के साक्षी, दर्शन के लिए लगी कतार। संतों ने किया अभिवादन



जालोर देख गादी का वैभव, सिरे मंदिर भी मुस्कुराया

जालोर. गादीपति बनने के बाद गंगानाथ महाराज ने भंवर गुफा में स्थित महादेव के दर्शन किए।

लिया पीरजी का अशीर्वाद

जालोर. गादी तिलक से पूर्व गंगानाथ महाराज ने अपने गुरूदेव पीर गंगानाथ महाराज की समाधि पर जाकर उनका अशीर्वाद लिया। इसके बाद वे पीरजी के उत्तराधिकारी के रूप में गादीपति बने।



पीर शांतिनाथ महाराज की समाधि के समीप ही मखमली चादर से ढकी गादी, चारों ओर फैली नाना प्रकार के फूलों की मंद मंद खुशबू, आस पास सोने चांदी से सजे छत्र, दंड, चंवर और तलवार लिए खड़े श्रद्धालु। कोई चंवर हिला रहा था तो कोई शंखनाद कर रहा था। भेंट, उपहारों और चादरों से सजे थाल। इस महास्थान की गादी का ऐसा वैभव की खुद सिरे मंदिर भी यह सब देखकर मुस्कुरा उठा। अवसर था पीरशांतिनाथ महाराज के देवलोकगमन के बाद उनके उत्तराधिकारी गंगानाथ महाराज के गादीपति तिलक समारोह का। यह स्वर्णिम अवसर था, ऐतिहासिक दिन था। हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा, भावुकता और गौरवता का संगम था। सवेरे ठीक 8 बजकर 50 मिनिट पर संतों ने गंगानाथ महाराज को गादी पर विराजमान किया। जैसे ही वे इस महान तपोभूमि के गादीपति बने चारों ओर शंख, टंकारे, ढोल, नगाड़े और जयकारें गंूज उठे। समवेत स्वरों में वैदिक मंत्र सुनाई देने लगे और पुष्प वर्षा होने लगी। संत गंगानाथ महाराज सिरे मंदिर, भैरूनाथ अखाड़े के गादीपति बन गए। वह गादी जो आज तक पीर शांतिनाथ महाराज के तपोबल से जन जन की आराध्य रही। नूतन गादीपति के बाद गौरवांवित हो उठी।

आठ बजे शुरू हुई तैयारी

गादीपति तिलक समारोह की तैयारियां सवेरे आठ बजे से शुरू हुई। एक एक कर साधु संत पांडाल में पहुंचे। यह पांडाल नाथजी की समाधि के सामने ही बनाया गया था। इसके पास ही गादी तिलक समारोह हुआ। साढ़े आठ बजे से समारोह की शुरूआत हुई। जिसमें गंगानाथ महाराज ने सबसे पहले सभी संतों का आशीर्वाद लिया और फिर वैदिक मंत्रों के बीच संतों ने उन्हें गादी पर बैठाया। इसके बाद चादर की रस्म हुई और फिर एक एक कर लाभार्थियों ने अपनी ओर से भेंट दी। गादी तिलक होने के बाद श्रद्धालुओं ने गंगानाथ महाराज के दर्शन किए।





तिलक कर चढ़ाई चादर

गादीपति तिलक कार्यक्रम में पाट पूजन के बाद चादर की रस्म अदा की गई। चादर में सबसे पहली चादर बाकरा गांव की ओर से चादर चढ़ाई गई। इसके बाद राताडूंडा के मंगलनाथ महाराज, दशनाम नवनाथ खट दर्शनम मंडल के अध्यक्ष गोल उम्मेदाबाद महंत रावतभारती, सचिव लेटा महंत रणछोड़भारती महाराज समेत समिति के मठाधीश, देवासी समाज 48 पट्टी के ग्रामीणों, जालोर शहर और खत्री समाज की ओर से चादर चढ़ाई गई। इसी प्रकार गैबानशाह गाजी दरगाह के सदर हाजी अकरम बाबा उर्फ चाहत अली समेत कई जनों ने चादर चढ़ाई।

गूंज उठी जय ध्वनियां

गादी तिलक से पूर्व गंगानाथ महाराज ने मंदिर में पूजा अर्चना की और फिर अपने गुरूदेव पीर शांतिनाथ महाराज की समाधि पर धोक लगाई। इसके बाद वे गादी पर विराजे और वैदिक मंत्रों के बीच उनका तिलक किया गया। जैसे ही तिलक समारोह पूरा हुआ। शंख, टंकारे और ढोल नगाड़े बज उठे। लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका अभिवादन किया। संतों ने भी शंख बजाया। वहीं ढोल नगाड़ों वालों ने भी खूब ढोल बजाए। वहां मौजूद अनेक श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। इसके साथ ही बंदूक से सलामी भी दी गई।



ये रहे मौजूद

समारोह में दशनाम नवनाथ खट दर्शनम मंडल के अध्यक्ष गोल उम्मेदाबाद महंत रावतभारती, सचिव लेटा महंत रणछोड़भारती, गंगाभारती, कैलाशनाथ, कमलनाथ, बाबूगिरी, परबतगिरी, सेवाभारती, प्रेमभारती, शीतलाईनाथ समेत जम्मू कश्मीर से आए स्वामी निर्मलस्वरूप और गाजियाबाद के पीठाधीश्वर नारायणगिरी महाराज समेत उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, जालोर विधायक रामलाल मेघवाल, सांचौर विधायक जीवाराम चौधरी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष नैनसिंह राजपुरोहित, भाजपा जिलाध्यक्ष नारायणसिंह देवल, पूर्व विधायक जोगेश्वर गर्ग, शंकरसिंह राजपुरोहित, कांतिलाल सोनी, सत्यनारायण अग्रवाल,नरेंद्र बालू अग्रवाल, बंशीलाल सोनी समेत अन्य कई लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का मंच संचालन ओम आचार्य और अनिल शर्मा ने किया।

जन्म स्थान का होगा विकास

गादीपति तिलक कार्यक्रम के दौरान उपमुख्य सचेतक रतन देवासी ने नूतन गादीपति गंगानाथ महाराज के दर्शन कर करड़ा के समीप स्थित उनके जन्म स्थान दांतवाड़ा गांव में विकास कार्यों के लिए 51 लाख रपए की घोषणा की। यह राशि विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुटाई जाएगी। जिस पर लेटा महंत रणछोड़भारती समेत अन्य संतों ने उनका माल्यार्पण किया। इसी प्रकार अन्य कई श्रद्धालुओं ने भी अपनी अपनी ओर से नूतन गादीपति को भेंट और उपहार दिए।

किया अभिवादन

जालोर. गादीतिलक समारोह के बाद दशनाम नवनाथ खटदर्शनम मंडल के संतों ने नूतन गादीपति का अभिवादन किया। मंडल की ओर से महाराज को चादर भेंट की गई। वहीं गंगानाथ महाराज की ओर से मंडल को डेढ़ लाख रुपए की भेंट दी गई।

समारोह की वैभवता

देखते ही बन रही थी समारोह की वैभवता। सवेरे से उमड़ा श्रद्धालुओं का अपार जन समूह, फूलों से सजाया गया समाधि स्थल को। मखमली चादर से ढकी गादी के चारों ओर सुशोभित हो रहे थे छत्र, चंवर, सोने चांदी की छडिय़ां।

श्रद्धालुओं की भावुकता

नाथजी के देवलोक गमन के बाद अधीर हो उठे श्रद्धालुओं के लिए था यह भावुकता का दिन। जब उन्होंने देखा अपनी आंखों से पीरजी के उत्तराधिकारी का गादी तिलक समारोह। कोई भी नहीं रहना चाहता था इस समारोह को देखे बिना।

दर्शन की आतुरता

नए गादीपति के दर्शन के लिए हर कोई नजर आया आतुर। जैसे ही गादी तिलक समारोह पूरा हुआ। उत्साहित हो उठे कतार में लगे श्रद्धालु। बड़ी मुश्किल से सभी को किया गया नियंत्रित। इसके बाद एक एक कर सभी ने किए दर्शन।

संतों की सानिध्यता

समारोह में जिले भर के सभी साधु संतों के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से भी संतों ने लिया भाग। अनेक संत मंगलवार रात को ही यहां पहुंचे, अन्य आए अल सवेरे। सभी ने नूतन गादीपति का किया अभिवादन। संत समाज की ओर से चढ़ाई गई चादर।

धार्मिक सहिष्णुता

समारोह बना हमारी धार्मिक एकता और सहिष्णुता का प्रतीक। गैबनशाह गाजी दरगाह के सदर हाजी अकरम बाबा समेत कई मुस्लिम धर्मावलंबियों ने भी लिया कार्यक्रम में भाग। दरगाह की ओर से गंगानाथ महाराज को चढ़ाई गई चादर भी।



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